दशहरा में मोदी का पुतला जलाएंगे, निकलेगी किसान अस्थि यात्रा
12 अक्टूबर को गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों में विशेष प्रार्थना। देश में निकलेगी शहीद किसान अस्थि यात्रा। दशहरा के दिन मोदी का पुतला दहन।
कुमार अनिल
किसान एकता मोर्चा ने कहा कि न सिर्फ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बरखास्त किया जाए, बल्कि हिंसा और तनाव फैलाने के जुर्म में उन्हें गिरफ्तार भी किया जाए। किसान एकता मोर्चा की बैठक के बाद सभी प्रमुख किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्री के बेटे को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।
किसान नेताओं ने तीन बड़े एसान किए। पहला देशभर में 12 अक्टूबर को शहीद किसान दिवस मनाया जाएगा। इस दिन देश के विभिन्न प्रांतों में गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों और चर्च में विशेष प्रार्थना आयोजित होगी। शाम को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। लखीमपुर के तिकोनिया में अंतिम अरगास में सभी प्रदेशों के प्रमुख किसान नेता शामिल होंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि अगर मंत्री को बरखास्त करने के साथ गिरफ्तार नहीं किया जाता, तो अंतिम अरदास के बाद देशभर में शहीद किसानों की अस्थि यात्रा निकलेगी। यह यात्रा लखीमपुर से शुरू होगी। अस्थ कलश यात्रा यूपी के हर जिले में जाएगी। इसके लिए अलग से यात्रा उसी दिन निकलेगी, जिस दिन देशभर के लिए अस्थि कलश यात्रा शुरू होगी।
दशहरा के दिन 15 अक्टूबर को किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जलाए जाएंगे। 18 अक्टूबर को देशभर में रेल रोको आंदोलन होगा।
यूपी सरकार समझ रही थी कि शहीद परिवारों को मुआवजा और नौकरी देकर किसान आंदोलन को ठंडा किया जा सकता है, लेकिन अबतक हत्या के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं करके, बल्कि उसे बयान देने के लिए मौका देने से किसानों में नाराजगी बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का वह वीडियो भी सबने देखा है, जिसमें वे किसानों को दो मिनट में ठीक कर देने की बात कह रहे हैं।
संवाददाता सम्मेलन को राकेश टिकैत, हन्नान मौला, जोगिंदर सिंह, उग्रहान दर्शनपाल, योगेंद्र यादव, हरपाल बिल्लारी, सुरेश कौथ ने संबोधित किया।
अबतक यूपी सरकार का मामले में जो रवैया रहा है, उससे किसानों में असंतोष बढ़ा है। सवाल उठाया जा रहा है कि मंत्री की बरखास्तगी और उनकी गिरफ्तारी नहीं होने पर कैसे न्याय मिलेगा। मोदी सरकार मंत्री को हटाने में जितनी देर करेगी, रोष उतना ही बढ़ेगा। यूपी के हर जिले में अस्ति यात्रा निकालने का निर्णय योगी सरकार की परेशानी बढ़ा सकता है, क्योंकि वहां अगले साल चुनाव है।