घर फूटे तो गंवार लूटे, LJP का चुनाव चिन्ह फ्रिज
भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) और चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच लड़ाई के दौरान चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह बंगाला को फ्रीज कर दिया है.
आयोग के फैसले के मुताबिक अब दोनों ही नेता और उनके पक्ष लोक जनशक्ति पार्टी के चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
आयोग का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बिहार के दो विधान सभा क्षेत्रों में उपचुनाव 30 अक्टूबर को होने वाला है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर दोनों इस चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे तो वे बंगाला चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने से वंचित रह जायेंगे.
LJP के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने के साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि चिराग पासवान और पशुपति पारस, दोनों को ही पार्टी के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी.
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चुनाव आयोग ने दोनों ही पक्षों को अंतरिम हल निकालने के लिए भी कहा है. चुनाव आयोग ने इस समस्या के समाधान की जिम्मेदारी दोनों पर छोड़ दी है. आयोग ने कहा है कि दोनों पक्ष पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर जल्द ही विवाद का हल निकालें.
याद दिला दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद अचानक पशुपति पारस के नेतृत्व वाले सांसदों के गुट ने चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर दिया था और पशुपति पारस को अध्यक्ष घोषित कर दिया था. इसके बाद चिराग ने इस फैसले की शिकायत आयोग में की थी. चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था और उनके चाचा पशुपति पारस के पार्टी प्रमुख होने के दावे को खारिज करने की अपील की थी.
उधर पशुपति पारस ने खुदको रियल एलजेपी होने का दावा किया था. इन्हीं सब विवादों के बीच चुनाव आयोग ने यह अंतरिम फैसला दिया है. अगर दोनो गुट में कोई फैसला हो जाता है तब तो ठीक है वर्ना दोनों गुटों को अपने चुनाव चिन्ह से हाथ धोना पड़ सकता है. और फिर बाद में दोनों को आयोग द्वारा अलग से कोई चुनाव चिन्ह आवंटित किया जा सकता है.