1990 में सबसे कम उम्र के विधायक बनने से अचानक बिहार की राजनीति में चर्चा में आये शाहिद अली खान की गुरुवार को अजमेर शरीफ में मौत हो गयी है. मौत का कारण हर्ट फेलियर बताया गया है.

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इसकी सूचना दी है. शाहिद अली खान हम के गठनकर्ताओं में से एक रहे. उनकी उम्र महज 54 वर्ष ती.

 

वे 1990 में पहली बार सीतामढ़ी से जनता दल के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे. 2000 में राजद के टिकट पर सीतामढ़ी से चुनाव जीते. और राजद सरकार में मंत्री भी रहे. इसके बाद वह जदयू में शामिल हो गये. 2005 में जदयू के टिकट पर पुपरी और 2010 में सुरसंड से विधायक बने और अल्पसंख्यक कल्याण, विधि व आईटी मंत्री रहे. वह 2015 में वे    हम से चुनाव लड़े लेकिन हार गये. शाहिद अली खान को सिर्फ तीन बेटियां हैं जिनमें दो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं.

पूर्व सीएम व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि शाहिद अली का निधन पार्टी और मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे पार्टी के स्तंभ थे। उनके निधन पर पूर्व मंत्री वृशिण पटेल, महाचंद्र प्रसाद सिंह आदि नेताओं ने शोक प्रकट किया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने भी शोक प्रकट किया है.

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