Exclusive-अल्पसंख्यकों को पांच नहीं, दस लाख मिलेगा : जमा खान

लॉकडाउन में रोजगार की तलाश कर रहे अल्पसंख्यक नौजवानों के लिए अच्छी खबर है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा, पांच नहीं, अब दस लाख दिए जाएंगे।

कुमार अनिल

लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग वापस अपने प्रदेश बिहार लौटे हैं। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने नौकरशाही डॉट कॉम से एक विशेष बातचीत में बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक नौजवानों को रोजगार के लिए पहले अधिकतम पांच लाख रुपए देनी की व्यवस्था थी। अब इसे उन्होंने बढ़ाकर दस लाख कर दिया है।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि बिहार लौटनेवालों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के आलोक में उनके विभाग ने कई निर्णय लिये हैं। अब विभाग ने रोजगार के लिए दी जानेवाली राशि को दोगुना कर दिया है।

मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 562 करोड़ रुपए की राशि का प्रवाधान किया है। उन्होंने माना कि पहले विभिन्न कारणों से ऋण की राशि इच्छुक लोगों तक नहीं पहुंच पाती थी। इस बार उनका सर्वाधिक जोर इस बात पर है कि जरूरतमंदों तक राशि पहुंचे। इसके लिए उन्होंने कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले विभाग के सारे अधिकारियों की बैठक की। जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की और स्पष्ट कर दिया कि किसी भी हालत में राशि जरूरतमंदों तक पहुंचनी चाहिए।

मंत्री ने बताया कि ऋण के लिए अब ऑफलाइन आवेदन करने की भी व्यवस्था की है। उन्होंने बिचौलियों के खात्मे के लिए आवेदन को सीधे जिला से राज्य में मंगाने और यहां आवेदनों के तीव्र निष्पादन की व्यवस्था की है।

मंत्री जमा खान ने बताया कि वक्फ की जमीन पर बहुद्देशीय भवन बनाए जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ लोगों को राजगार मिलेगा, बल्कि आम अल्पसंख्यकों को भी सुविधा मिलेगी। इसमें शादी-विवाह के लिए हॉल भी होंगे। कई जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय निर्माण का कार्य चल रहा है।

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मंत्री ने कहा कि वे लॉकडाउन समाप्त होने पर पूरे राज्य का दौरा करेंगे और हर जिले में अल्पसंख्यक कल्याण के कार्यों की समीक्षा करेंगे। अगर किसी को कोई भी परेशानी हो, तो वह सीधे उनसे संपर्क कर सकता है। उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की कि अगर उन्हें कोई सुझाव देना है, तो इसका स्वागत है।

मंत्री जमा खान की नजर जहां अपने विभाग और पूरे प्रदेश पर है, वहीं उन्हें अपने जिले कैमूर की भी खास चिंता है। नौकरशाही डॉट कॉम से बातचीत के बाद वे अपने क्षेत्र में अच्छे बीडीओ की नियुक्ति के लिए फोन करने में व्यस्त हो गए। मंत्री बार-बार यही कह रहे थे कि उन्हें ऐसा बीडीओ चाहिए जो गरीबों का कार्य तेजी करे। ऐसा बीडीओ नहीं चाहिए, जो ताकतवर लोगों को कुर्सी पर बैठाए और गरीब को टरका दे।

उन्होंने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि उन्होंने बीएचयू में छात्र राजनीति से शुरुआत की थी। कहते हैं, वे तीन बार चुनाव हारने के बाद जीते हैं, हर जाति-धर्म के गरीबों की लड़ाई लड़ी है। वे गरीबों का दर्द जानते हैं। इसीलिए वे अंतिम आदमी के लिए हमेशा समर्पित हैं।

By Editor


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