बालिकागृह बलात्कार से पूरा देश सन्न है. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सलाखों के पीछे हैं. हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं. नौकरशाही डॉट के लिए संजय कुमार के इस खोजी रिपोर्ट में पढ़िये ब्रजेश की पत्रकारिता जगत की सुपर लीला.
जब हमने ब्रजेश ठाकुर और उनके अखबारों के साम्राज्य की गहन छानबीन की तो केंद्र सरकार के प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो(पीआईबी)  से ले कर बिहार सरकार के सूनचा एंव जनसम्पर्क विभाग (आईपीआरडी) तक उनके जुड़े तार का संजाल दिमाग चक्रा देने वाला दिखा. ब्रजेश ठाकुर, ब्रजेश, ब्रजेश कुमार और ब्रजेश पांडेय ये ऐसे नाम हैं जो अलग-अलग सरकारी दफ्तरों, महकमों, अखबारों के प्रिंट लाइन्स आदि में मिले. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ब्रजेश ने हर जगह नाम तो बदला है, लेकिन अपना चेहरा बदलने की कोई तरकीब नहीं निकाली. लिहाजा ब्रजेश, ब्रजेश कुमार, ब्रजेश ठाकुर के चेहरे की एक ही तस्वीर हर जगह मौजूद है. यह बात तो सामने आ चुकी है कि ब्रजेश पर्दे के पीछे से या खुले तौर पर कम से कम तीन अखबारों से जुड़े हैं- प्रात:कमल, न्यूज नेक्स्ट( इंग्लिश) और हालात ए बिहार ( उर्दू). ब्रजेश का पैतृक घर मुजफ्फरपुर है, पर हमने पाया कि वह ब्रजेश कुमार के नाम से अपने ही अखबार के कारेस्पॉंडेंट( रिपोर्टर) भी हैं. पीआईबी के रिकार्ड में वह प्रात:कमल के दिल्ली स्थित संवाददाता हैं. मुजफ्फरपुर से प्रकाशित इस अखबार में वह ब जाहिर कोई हैसियत नहीं रखते लेकिन उनका बेटा राहुल आनंद इस अखबार का सम्पादक है. गोया बेटा सम्पादक तो बाप दिल्ली का रिपोर्टर.
बेटा राहुल मुजफ्फरपुर में सम्पादक तो पटना में संवाददाता
 मीडिया में आयी खबर के अनुसार प्रातः कमल अखबार से जुड़े लोग ब्रजेश ठाकुर को मैनेजर बताते हैं तो वहीं इसी अखबार का दिल्ली संवादादाता ब्रजेश कुमार यानी ब्रजेश ठाकुर ही है। इसने ब्रजेश कुमार के नाम से प्रेस इन्फोरमेंशन ब्यूरो,पीआईबी प्रेस कार्ड(क्रम संख्सा-422,पीआईबी एकरिडेटेड मीडिया पर्सन लिस्ट 2018) बनवा रखा है। तो वहीं, अखबार के प्रिंट लाइन में दिल्ली संवाददाता का नाम में ब्रजेश ठाकुर यानी सिर्फ ‘ब्रजेश’ प्रिंट है.

मामला यही तक ये सीमित नहीं है, बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची में भी ये शामिल हैं।  ब्रजेश ने प्रात: कमल कS पटना संवाददाता की हैसियत से भी मान्यता प्राप्त हैं. उनकी (कार्ड न. 869/16 जो 3.8.2016 को जारी हुआ है). भले ही यह जान कर लोगों का माठा ठनक जाये कि एक ही व्यक्ति पीआईबी(दिल्ली से) और पीआरडी(पटना से) दोनों जगह रिपोर्टंग कैसे कर सकता है. लेकिन यह कमाल ब्रजेश ठाकुर ही कर सकते हैं.

ब्रजेश ठाकुर, बजेश कुमार के नाम से अपने ही अखबार के दिल्ली संवाददाता
  ब्रजेश ने पत्रकारिता की इस गजब लीला का किरदार अकेले नहीं निभाया है बल्कि उन्होंने अपने बेटे और बेटी को भी शामिल कर रखा है. वह अगर बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा गठित प्रेस मान्यता समिति में सदस्य हैं तो प्रातः कमल अखबार के संपादक बेटे को पटना से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार ‘न्यूज नेक्सट’ का पटना संवाददाता बना कर बिहार सरकार के जन संपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार घोषित करवा रखा है. इसे फिर से समझिए. ब्रजेश का बेटा अगर प्रात:कमल अखबार, जो मुजफ्फर से प्रकाशित होता है, उसका सम्पादक है तो वही बेटा न्यूज नेक्सट का पटना संवाददाता भी है. मुजफ्फरपुर में रहते हुए और अखबार का सम्पादन करते हुए राहुल यह कमाल कैसे कर लेते हैं कि वह पटना से न्यूज नेक्सट के लिए रिपोर्टिंग भी कर लेते हैं. ये सारी सूचना आईपीआरडी के रजिस्टर में दर्ज है.  ब्रजेश ठाकुर ने ‘न्यूज नेक्सट’ का मालिक/ संपादक अपनी बेटी निकिता आंनद को बना रखा है।
इस प्रातः कमल को ब्रजेश ठाकुर के पिता राधा मोहन ठाकुर ने शुरू किया था। यह 12 पन्ने का एक दैनिक अखबार है जो साल 1982 से प्रकाशित हो रहा है। अपने को उत्तर बिहार का लोकप्रिय अखबार कहता हैं। फिलहाल, अखबार का संपादक राहुल आनंद है जो ब्रजेश ठाकुर का बेटा है। एक समय में ब्रजेश ठाकुर 16 अखबार के एक मालिक होते थे। इस रैकेट का खुलासा वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया ने 1986 में कोलकाता से प्रकाशित होने वाले रविवार में और सुरेंद्र किशोर ने जनसत्ता में किया था.

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