फेसबुक, ट्विटर और सरकार के बीच हर हफ्ते होती थी गुप्त बैठक !
फेसबुक, ट्विटर और सरकार के बीच हर हफ्ते होती थी गुप्त बैठक! अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की खबर से हंगामा। हटाए जाते थे सरकार विरोधी पोस्ट…।
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर से भारत में हंगामा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार और फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के बाच हर हफ्ते गुप्त बैठक बैठकें होती थीं, जिसमें सरकार विरोधी पोस्ट को हटाने का निर्णय लिया जाता था। मालूम हो कि सोशल मीडिया के ये तीनों प्लेटफॉर्म के मालिक अमेरिकी रहे हैं। इस खबर के बाद देश में कई लोगों ने चिंता व्यक्त की है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में बताया है कि सालों से अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों के पदाधिकारियों और भारतीय अधिकारियों के बीच हर दूसरे हफ़्ते एक मीटिंग होती थी, जिसमें अफ़सर ये तय करते थे कि ट्विटर, फ़ेसबुक और यूट्यूब पर क्या कहा जा सकता है, क्या नहीं.https://t.co/XxznMCQGED
— The Lallantop (@TheLallantop) November 10, 2023
अखबार ने दावा किया है कि भारत सरकार ने इ, अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर प्रभुत्व कायम कर लिया। अखबार ने लिखा है कि इन बैठकों में तय होता था कि किस पोस्ट या वीडियो को हटाया जाए। इन बैठकों में भारत सरकार की सूचना, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों के अफ़सर शामिल होते थे, तो ऐसे पोस्ट हटाने की सूची इन कंपनियों को देते थे। बाद में भारत सरकार ने आईटी कानूनों में संशोधन करके सूचनाओं को रोकने का अधिकार हासिल कर लिया। इसके बाद फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर दबाव बढ़ गया। अब इन कंपनियों को किसी अकाउंट को ही हटाने का निर्देश दिया जाने लगा। ऐसा न करने पर इन कंपनियों के अधिकारियों के जेल जाने की संभावना थी।
ललनटॉप ने लिखा है कि कंपनी के पूर्व-कर्मचारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि जो सोशल मीडिया कंपनियां इस तरह के सेंसर की मुख़ालफ़त करती थीं, वो सरकार के सेंसर के प्रति और ‘सहिष्णु’ हो गईं. ये ‘सहिष्णुता’ ख़ासकर कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना वाली पोस्ट्स हटाने’ की मांगों के लिए देखने को मिली. WaPo के सूत्रों के मुताबिक़, भारतीय अधिकारी कहते थे कि ये उनका मिशन है कि बात न मानने वाली विदेशी कंपनियों पर क़ानून सख़्त किए जाएं.
सोशल मीडिया पर कई लोग वाशिंगटन पोस्ट की खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। संतोष यादव ने लिखा द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पढ़िये की कैसे मोदी सरकार के सोशल मीडिया पर सेंसरशिप मॉडल को दुनिया के दूसरे देश जैसे म्यांमार, नाइजीरिया, बांग्लादेश इत्यादि अपना रहे हैं। मोदी सरकार ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफ़ार्म को अपने नियंत्रण ले लिया हैं। ट्विटर ने बताया कि सरकार के कहने पर मोदी और सरकार की आलोचना करने वाले ढेर ट्वीट, हैशटैग, अकाउंट को लगातार ट्विटर प्लेटफार्म से हटाया गया हैं। कोविड और किसानों के प्रदर्शन के दौरान हटाये गये कुछ हैशटैग को ध्यान दीजिये!
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