गाय-भैंस पालकों पर आ रहा संकट, BKU ने उठाया विरोध का झंडा
गाय-भैंस पालनेवाले किसानों पर नए तरह का संकट आ रहा है। भारतीय किसान यूनियन ने कहा, मोदी सरकार के निर्णय के खिलाफ लड़ेंगे। बिहारी किसान फिर चुप रहेंगे?
भारतीय जनता पार्टी के नेता बिहार के किसानों से खुश रहते हैं। वे कहते हैं, यहां के किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में नहीं उतरे। यहां के किसान MSP के लिए भी उतावले नहीं है। बिहारी किसान तो गऊ हैं। जो मिल जाए, उसी में संतोष रखते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने एक बार फिर मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि वह ऑस्ट्रेलिया के साथ डेयरी प्रोडक्ट पर जो समझौता कर रही है, उससे देश के दूध उत्पादक किसान बर्बाद हो जाएंगे। यूनियन ने कहा कि वह मोदी सरकार और ऑस्ट्रेलिया के बीच समझौते का विरोध करेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- मोदी सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार के एक बड़े समझौते को लेकर वार्ता कर रही है। इससे देश का डेयरी क्षेत्र खुल जाएगा और ऑस्ट्रेलियाई डेयरी प्रोडक्ट का इंपोर्ट शुरू हो जाएगा। टिकैत ने कहा कि ऐसा होने पर देश के किसानों और डेयरी कर्मियों का जीवन तबाह हो जाएगा। BKU इस डील का पुरजोर विरोध करेगा।
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि देश के किसान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हो रहे Comprehensive Economic Cooperation Agreement (CECA) का पुरजोर विरोध करेंगे। दोनों सरकारों ने कितना सुंदर नाम दिया है- व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता, लेकिन इस सहयोग से भारतीय किसान बर्बाद हो जाएंगे। युद्धवीर सिंह ने बताया कि भारत सरकार अक्टूबर से ही इस दिशा में ऑस्ट्रेलिया से वार्ता कर रही है और इसे 2022 के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है।
युद्धवीर सिंह ने कहा, आज गन्ना से लेकर धान-गेहूं उपजानेवाले किसानों को कीमत नहीं मिल रही। इस वजह से बड़ी संख्या में किसानों ने गाय-भैंस पालना शुरू किया है। अब इस सेक्टर में भी सस्ते ऑस्ट्रेलियाई प्रेडक्ट आने से यहां के दूध को कोई पूछनेवाला नहीं मिलेगा। इससे देश का डेयरी उद्योग संकट में फंस जाएगा। दोनों देश अंतिम समझौते से पहले अंतरिम रूप से भी समझौता कर सकते हैं।
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