गरजे लालू, PFI से बदतर है RSS, उस पर भी प्रतिबंध लगाओ
1990 वाले फॉर्म में आए लालू। बोले PFI की तरह जितने भी नफरत फैलानेवाले संगठन हैं, सब पर प्रतिबंध लगाओ। PFI से बदतर है RSS, उस पर भी बैन लगाओ।
देश को नफरत से बचाने की लड़ाई में आज 74 साल के लालू प्रसाद भी ताल ठोंक कर कूद पड़े। बोले, PFI की तरह देश में जितने भी नफरत फैलानेवाले संगठन हैं, सब पर प्रतिबंध लगाओ। उन्होंने RSS पर हमला करते हुए कहा कि यह तो पीएफआई से भी बदतर है। इस पर भी प्रतिबंध लगाओ। लालू प्रसाद के इस दो टूक और साहसी बयान के बाद संघ के खिलाफ राजद ने भी जंग का एलान कर दिया।
लालू प्रसाद के बारे में देश मानता है कि वे आरएसएस के खिलाफ कभी न झुकनेवाले नेताओं में शामिल हैं। लालू प्रसाद भाजपा के तमाम दबावों के बावजूद कभी नहीं झुके। अब उन्होंने एक तरह से संघ की विचारधारा के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है।
आज लालू प्रसाद ने ट्वीट किया-PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसमें RSS भी शामिल है। सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है। आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
लालू प्रसाद ने जिस तरह संघ पर सीधा हमला किया है, उससे संघ समर्थक बुरी तरह तिलमिलाए दिख रहे हैं। लालू प्रसाद ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब वे दुबारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ले रहे हैं। बुधवार को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया। उनका निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। 10 अक्टूबर को दिल्ली में खुला अधिवेशन होगा, जिसे लालू प्रसाद संबोधित करेंगे।
लालू प्रसाद ने जिस तेवर में संघ पर हमला बोला, उस तेवर में सामाजिक न्याय की धारा के किसी दल ने साहस नहीं दिखाया है। माना जा रहा है कि संघ की विचारधारा के खिलाफ जल्द ही बिहार में बड़ा मोर्चा खुलने जा रहा है। लालू के तेवर देखकर 1990 के वे दिन याद आ रहे हैं, जब लाल कृष्ण अडवाणी रथ यात्रा कर रहे थे। देश में नफरत भरे नारे गूंज रहे थे। एक वर्ग विशेष के खिलाफ आग उगला जा रहा था, तभी 22 अक्टूबर की रात आडवाणी को लालू प्रसाद के निर्देश पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
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