कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में गौशालाओं की आधारभूत संरचना के विकास के लिए 85 गौशालाओं को 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
डॉ. कुमार ने पटना में कार्यक्रम में कहा कि गौशाला में गौवंश को रखा जाता है, जहां उनकी व्यापक रूप से देखभाल की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 85 गौशालाएं है, जिनमें से कई की स्थिति काफी बदतर है। ऐसे में गौशालाओं की आधारभूत संरचना के विकास के लिए सभी 85 गौशालाओं को 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि इस राशि में से देसी गायों की खरीद पर पांच लाख रुपये जबकि उनके लिए चारा की खरीद पर एक लाख रुपये खर्च किये जाएंगे ताकि गौ-माता के खाने की व्यवस्था हो सके। इनके अलावा 14 लाख रुपये गौशालाओं की आधारभूत संरचना पर खर्च होगा यानी गौशाला में व्यापक तौर पर चहारदीवारी का निर्माण, गौ-माता को रखने वाले स्थल का व्यापक जीर्णोद्धार और बेहतर व्यवस्था की जाएगी। डॉ. कुमार ने बताया कि राजधानी पटना में साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक एवं वैज्ञानिक गौशाला का निर्माण कराया जाएगा, जहां गौ-माता की देखरेख के लिए बेहतर व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा जाता है कि जो गायें दूध नहीं देती, उसे सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। इसकी जवाबदेही नगर निगम पर है। ऐसी गायों को नगर निगम द्वारा गौशाला में रखा जाता है।
मंत्री ने कहा कि जो गायें दूध नहीं दे पाती या जो बांझ हैं, उन पर राजस्थान में बहुत बड़ा शोध किया गया है, जो सफल साबित हुआ है। इसके लिए बिहार से भी एक टीम राजस्थान भेजी जाएगी। पायलट परियोजना के तहत इस योजना को बिहार में अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानपुर के गौशाला में वर्तमान में 240 गाय हैं। इनमें से 60 गायें वैसी है, जिन्हें तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था, जिन्हें पुलिस ने जब्त किया और यहां पहुंचाया है।
डॉ. कुमार ने कहा कि गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। कृषि रोडमैप के तहत आने वाले समय में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जैविक खाद की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में गौशालाओं में जो गोबर और गोमूत्र होते हैं उसका इस्तेमाल जैविक खाद के निर्माण के लिए किया जाएगा। ऐसे में गौशालाओं की आय भी बढ़ेगी और उनके आधारभूत संरचना का भी विकास होगा।