बेरोजगारी में बेजोड़ वृद्धि के बाद फिर बुरी खबर, विकास दर ने गिरावट का तोड़ा 7 साल का रिकार्ड
बेरोजगारी दर के विकराल होने के बाद अब भारतीय अर्थव्यस्था के मोर्चे पर एक और बुरी खबर है. अब आर्थिक विकास दर गिर कर 5 प्रतिशत रह गयी है जो सात साल का सबसे निचे है.
2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक विकास दर घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
इससे पहले खबर आयी थी की बेरोजगारी की दर बढ़ कर 9 प्रतिशत के पार कर गयी है. वहीं आर्थिक मोर्चे पर देश की यह दुर्गति चिंता पैदा करने वाली है. उधर हाल ही में यह खबर आयी थी कि ओटो से ले कर निर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट आयी है.
इससे पहले खबर आयी थी की बेरोजगारी की दर बढ़ कर 9 प्रतिशत के पार कर गयी है. वहीं आर्थिक मोर्चे पर देश की यह दुर्गति चिंता पैदा करने वाली है. उधर हाल ही में यह खबर आयी थी कि ओटो से ले कर निर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट आयी है.
GDP का बुरा हाल
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में हुई मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने कुल मांग बढ़ाकर वृद्धि चिंताओं से निपटने पर जोर दिया था।
निर्माण सेक्टर की हालत भी पतली है. इस वर्ष 5.7 फीसदी की तेजी रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 9.6 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी से अधिक गिरावट है.
फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रफेशनल सर्विसेज पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.5 फीसदी की तुलना में 5.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है.