सत्ता के गलियारे में जबरदस्त हलचल है। बड़ी जानकारी मिल रही है कि हिंदू-मुस्लिम करने वाले गिरिराज सिंह का इस बार पत्ता कट सकता है। वहीं जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने की पूरी संभावना जताई जा रही है। बिहार से सात या अधिकतम आठ मंत्री बन सकते हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव है। इसलिए हर जाति को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए एक जाति से एक सांसद को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। पिछली बार भूमिहार जाति से गिरिराज सिंह मंत्री थी। इस बार भाजपा की सरकार नहीं है, बल्कि एनडीए सरकार है। जदयू पर पूरी तरह भाजपा निर्भर है। इसलिए ललन सिंह ही मंत्री बनेंगे और गिरिराज सिंह मंत्री पद से बेदखल हो सकते हैं। यही नहीं ललन सिंह को महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकता है।

ललन सिंह के अलावा संजय झा के मंत्री बनने की भी खबरें मिल रही हैं। जदयू से रामनाथ ठाकुर भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। चिराग पासवान का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। शांभवी चौधरी को जूनियर मिनिस्टर बनाया जा सकता है। जीतन राम मांझी के भी मंत्री बनने की अधिक संभावना जताई जा रही है।

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नीतीश ने हंसते-हंसाते धीरे से रख दी बिहार की मांग

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बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इसलिए मंत्रियों के चयन में सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखा जाएगा। चूंकि सरकार नीतीश कुमार पर निर्भर होगी, इसलिए भाजपा में नीतीश विरोधी बड़बोले नेताओं को साइड लगाया जा सकता है। गिरिराज सिंह हिंदू-मुस्लिम राजनीति करते रहे हैं। उनकी छवि उग्र हिंदुत्व वाली रही है, इसलिए भी उनका पत्ता कट सकता है। हालांकि कहा जा रहा है कि भाजपा भी कुछ सवर्ण नेताओं को मौका दे सकती है। इसमें दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। उन्हें आगे करके मिथिलांचल में भाजपा अच्छा संदेश देना चाहती है ताकि विधानसभा चुनाव में उसे लाभ हो। नित्यानंद राय अमित शाह के करीबी रहे हैं, उनके फिर से मंत्री बनने की उम्मीद जताई जा रही है।

राहुल-अखिलेश की मेहनत ने बचा दिया आरक्षण और संविधान

By Editor


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