बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार में एक झटके में 4257 शिक्षक बेरोजगार हो गए। इन शिक्षकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन किया, जहां से पुलिस ने इन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद सारे शिक्षक वीरचंद पटेल रोड स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय के सामने भी प्रदर्शन किया। शिक्षकों के प्रदर्शन से राजधानी पटना के वीआईपी इलाके में देर तक अफरा-तफरी मची रही। मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे दर्जन भर गेस्ट टीचर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
बिहार के लगभग पांच हजार अतिथि शिक्षक आज पहली अप्रैल से बेरोजगार हो गए। इन शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षकों की कमी के दौर में की गई थी। हालांकि शिक्षकों की कमी आज भी है। आज भी लाखों पद खाली हैं। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा पहले तो नौकरी ले ली और अब लाठी से पिटवाया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति शेयर करते हुए शोल मीडिया एक्स पर लिखा-अतिथि शिक्षकों के साथ नाइंसाफी – नौकरी देने के बजाय नौकरी छीनने वाली भाजपा+जदयू सरकार- तेजस्वी जी के दबाव में अभी तक नियुक्त किए गए शिक्षकों के अतिरिक्त अभी भी बिहार में शिक्षकों के तीन लाख से ज्यादा सृजित पद रिक्त हैं। जबकि ‘नयी शिक्षा नीति’ लागू होने के बाद रिक्त पड़े सृजित पदों को छोड़कर अभी दो लाख से ज्यादा शिक्षकों के नए पदों को सृजित करने की आवश्यकता है।
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इधर इन शिक्षकों ने नौकरशाही डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार के एक कदम से उनके भविष्य के आगे अंधेरा छा गया है। वे इतने वर्षों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, अब कहां जाएं। क्या करें। सरकार ने उनका भविष्य खराब कर दिया। इन शिक्षकों का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो गया। लोग पूछ रहे हैं कि क्या इनका कार्यकाल सरकार बढ़ा नहीं सकती।