Gujarat : सर्वेवाले BJP को 150 सीट दे रहे, तब भी PM क्यों परेशान
Gujarat चुनाव में पेशेवर विशेषज्ञ कह रहे कि आप और कांग्रेस में वोट बंटने के कारण BJP को बड़ी जीत मिलेगी, तब भी PM क्यों परेशान हैं?
कुमार अनिल
गुजरात को लेकर चुनावी विशेषज्ञ दो बातें दावे के साथ कह रहे हैं। पहला यह कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप 10 में से नौ वोट कांग्रेस का काट रही है और दूसरा यह कि भाजपा विरोधी वोट कांग्रेस और आप में बंट जाने के कारण भाजपा की जीत आसान हो जाएगी। विशेषज्ञ भाजपा को 125 से 150 सीट तक जीतता हुआ देख रहे हैं। गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीट हैं। पिछली बार भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस 77 सीट जीतने में सफल रही थी। पिछली बार भाजपा को 49 फीसदी तथा कांग्रेस को 41 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। अगर कांग्रेस का 10 प्रतिशत आप काट लेती है, तो कांग्रेस का वोट 31 प्रतिशत पर आ जाएगा, जिससे भाजपा सवा सौ सीटें जीत सकती है। लेकिन आंकड़े तो आंकड़े हैं, असली शक्ति तो जनता में होती है।
सवाल है कि भाजपा की इतनी आसान जीत के दावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने परेशान क्यों हैं। कल उन्होंने फिर से रोना रोया कि उन पर हमले किए जा रहे हैं। उनकी औकात दिखाने की बात हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे छोटे लोग हैं, उन पर इस तरह हमला किया जा रहा है। कांग्रेस के भारत जोड़ो पर भी हमला किया। रैलियों के बाद वे पार्टी दफ्तर में दिखे। एक बच्ची के साथ वीडियो दिखाया, जिसमें बच्ची भाजपा के गुणगान कर रही है। हालांकि बच्चों का चुनाव में लगाना गलत है, पर चुनाव आयोग को शायद ही दिखाई दे। वे सीधे अपने नाम पर वोट मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री पिछले एक महीने से लगातार गुजरात जा रहे हैं। आखिर वे इतना परेशान क्यों हैं?
प्रधानमंत्री की परेशानी का कारण शायद यह है कि मतदाता ने विवेक के साथ वोट दिया, तो ये सारे सर्वेवाले गलत साबित हो सकते हैं। दो स्थितियां हो सकती है। पहला यह कि भाजपा से नाराज मतदाता कांग्रेस और आप में बंटने के बजाय जो जीत रहा है, उसी को वोट करे। अर्थात शहरों में उन सीटों पर जहां आप मजबूत है, वहां आप को तथा जहां कांग्रेस मजबूत है, वहां कांग्रेस के पक्ष में लामबंद हो जाए, तो सर्वे उल्टा हो सकते हैं। दूसरी स्थिति यह हो सकती है कि धीरे-धीरे कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करे और अभी जो तिकोना संघर्ष दिख रहा है, फिर से वह भाजपा-कांग्रेस के बीच होकर रह जाए। इस स्थिति में भी सर्वे का आकलन उल्टा हो सकता है।
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