हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा होंगे तालिबन सरकार के प्रमुख
जल्द तालिबान सरकार की घोषणा होगी। युद्ध में अपने बेटे को गंवा चुके और दूसरी शादी का विरोध कर चुके हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा सरकार के प्रमुख होंगे।
बहुत जल्द अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन की घोषणा होगी। अब लगभग यह तय माना जा रहा है कि तालिबान के सबसे बड़े नेता हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा ही सरकार के प्रमुख होंगे। उन्हें जाईम या रहबर के नाम से संबोधित किया जाता है। दोनों का अर्थ नेता होता है। 2017 में उनके 23 वर्षीय बेटे अब्दुर्रहमान की मौत हो गई थी। रायटर की खबर के अनुसार वह मदरसा का छात्र था और सुसाइड अटैक के लिए वाहन में विस्फोटक ले जाते हुए मौत हुई। माना जा रहा है कि हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा का पद ईरान के अयातुल्लाह खुमैनी की तरह शक्तिशाली होगा। तालिबान सरकार में दूसरे नंबर की हैसियक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की हो सकती है।
हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा ने इस साल जनवरी में तालिबान लड़ाकों के दूसरी, तीसरी या चौथी शादी का विरोध किया था। उन्होंने लड़ाकों की खर्चीली जीवनशैली का भी विरोध किया था। तब यह खबर अंतरराष्ट्रीय बन गई थी। कई बार उनके मौत की खबर भी चल गई। हिंदुस्तान टाइम्स ने इसी साल फरवरी में उनके मौत की खबर प्रकाशित की थी।
2016 में तालिबानी प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत के बाद मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंडज़ादा तालिबान के प्रमुख बने। मंसूर की मौत अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई थी। 80 के दशक में अखुंडज़ादा सोवियत रूस की सेना के खिलाफ संघर्ष के दौरान तालिबान में शामिल हुए थे। उनकी पहचान लड़ाके से ज्यादा धार्मिक नेता के बतौर रही है।
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उधर, कल अमेरिकी सेना के वापस होने के बाद काबुल और अन्य शहरों में तालिबानियों ने जश्न मनाया। अफगानिस्तान के खोस्त शहर में एक नायाब जुलूस निकाला गया। भारत में जैसे विरोध स्वरूप शवयात्रा निकाली जाती है, उसी तरह यहां कई ताबूत निकाले गए, जिन पर अमेरिकी, फ्रांसीसी और ब्रिटिश झंडे लिपटे थे। साथ में हजारों लोग चल रहे थे।
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