Hepatitis Day : पारस हाॅस्पिटल ने बताया हेपेटाइटिस से कैसे बचें
28 जूलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस है। पारस एचएमआरआई अस्पताल के डॉक्टर बता रहे हैं हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी की वजह और इससे बचाव के उपाय।
पारस एचएमआरआई अस्पताल में गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. शाहिद सिद्दकी, डाॅ अविनाश कुमार एवं डाॅ आसिफ इकबाल के अनुसार हेपेटाइटिस बीमारी लीवर को प्रभावित करती है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में मौत तथा अपगंता का कारण है। लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी में बताया गया है कि पिछले 23 सालों में वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौत में 63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
डाॅक्टरों के मुताबिक वल्र्ड हेपेटाईटिस डे नोबेल पुरस्कार विजेता डाक्टर ब्लूमबर्ग की याद में मनाया जाता है। जिन्होने हेपेटाईटिस-बी के वाईरस की खोज की थी और उसका टीका बनाया था। इस टीके की वजह से आज दुनियाभर में लाखों करोड़ों लोग इस गंभीर बिमारी के संक्रमण से अपने आप का बचाव कर पाये। दुनियाभर में 28 जूलाई विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 28 जूलाई को डाक्टर ब्लूमबर्ग का जन्मदिन था और उनके सम्मान में हम विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाते हैं।
उनके मुताबिक शराब के सेवन से होनेवाला हेपेटाइटिस भी काफी सामान्य हो चुका है। खराब लाइफ स्टाइल भी हेपेटाईटिस का कारण बन रहा है। लीवर फैटी हो रहा है। इससे नॉन-एल्कोहलिक फैटी लीवर की बीमारी हो रही है। खराब लाइफ स्टाइल के साथ एल्कोहलिक होने पर लीवर सिरोसिस(लीवर खराब) होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा संक्रमण से भी बड़े पैमाने पर हेपेटाइटिस होता है।
पांच तरह का होता है हेपेटाइटिस
वायरल हेपेटाइटिस पांच तरह की होता है, जिनके नाम हेपेटाइटिस- ए, बी, सी, डी और ई हैं। ये सभी बीमारियां संक्रामक होती हैं यानी एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती हैं। हेपेटाइटिस ए और ई को आम तौर पर खुद से परहेज करके रोका जा सकता है। यह बीमारी छह महीने से ज्यादा नहीं रहती है। लेकिन इस अवधि में सही देखभाल और उपचार नहीं होने पर यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। हेपेटाइटिस-डी का इन्फेक्शन उस समय ही होता है जब कोई व्यक्ति पहले से हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित हो।
पारस एचएमआरआई अस्पताल के डॉ. शाहिद सिद्दकी, डाॅ अविनाश कुमार एवं डाॅ आसिफ इकबाल के मुताबिक वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने खुलासा किया है कि हेपेटाइटिस बी या सी से संक्रमित करीब 95 फीसदों लोगों को पता ही नहीं होता कि वे इस बीमारी से संक्रमित हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण : इस बीमारी का अल्पकालिक लक्षण संक्रमण बुखार, भूख न लगना, जी मिचलाना, सिर चकराना, पेट में दर्द, पीलिया और गाढ़े पेशाब के रूप में होता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस होने पर लीवर सही से काम नहीं करता है और फेल कर जाता है।
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संक्रमण से होने वाला हेपेटाइटिस से बचाव के लिए –
-तेज धार वाले सामान जैसे- नीडल्स, रेजर्स या टूथब्रश एक-दूसरे से शेयर न करें
-असुरक्षित यौन संबंध से परहेज करें।
-0-1-6 महीने के अंतराल पर हेपेटाइटिस-बी के टीके की तीन खुराक लेने पर बीमारी से लड़ने की क्षमता शरीर में पैदा हो जाती है। पूरे परिवार का टीकाकरण करवाएं।
-सभी नवजात शिशुओं को पहले साल में हेपेटाइटिस-बी का टीका लगवाना चाहिए।
-सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच करानी चाहिए। बीमारी पाए जाने पर इसके संचार को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने चाहिए।
-खुले जख्म को दस्तानों के बगैर नहीं छूना चाहिए।
-शराब का सेवन न करें।
-मोटापा को नियंत्रित रखें। रोज आधा घंटा तेजी से टहलें। वसायुक्त पदार्थ न खाएं।
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पारस अस्पताल में मुफ्त लगेगा टीका
पारस अस्पताल ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर लोगों को हेपेटाइटिस का पहला टीका मुफ्त लगाने की घोषणा की है। लेकिन यह सुविधा पहले 100 रजिस्ट्रेशन कराने वाले को ही मिलेगी। जो व्यक्ति हेपेटाइटिस का टीका लगवाना चाहते हैं। टीका 10 बजे से 4 बजे तक लगेगा।