High Court ने बिहार सरकार को Building Tribunal के गठन पर आखिरी चेतावनी दी है.कहा है कि सोमवार का इंतजार कीजिए और कड़ा फैसला सुनन को तैयार रहिये.
पटाना हाई कोर्ट ने यह चेतावनी अवैध निर्माण पर बिल्डिंग ट्रिब्युनल ( Building Tribunal) के गठन को बिहार सरकार द्वारा चार साल से टकाये रखने पर दी.
गौरतलब है कि बिहार नगरपालिका कानून के तहत अवैध निर्माण व कार्रवाई पर सुनवाई करने वाली बिल्डिंग ट्रिब्यूनल के गठन की प्रक्रिया चार साल से लंबित है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 22 मार्च 2021 को निर्देश दिया था कि एक माह में बिल्डिंग ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए। लेकिन इस पर राज्य सरकार ने कोई कार्वाई नहीं की.
नाराज अदालत ने इस पर कहा कि बस, अब बहुत हो गया। हाईकोर्ट किसी के रहम पर नहीं है, जो ट्रिब्यूनल के लिए सब्र करते रहे। अब सोमवार को कड़ा फैसला सुनने को तैयार रहें। यह कहकर हाईकोर्ट ने अवमानना के बिंदु पर आदेश सुरक्षित कर लिया।
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इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ कर रही है. पीठ ने सुरेश प्रसाद भरतिया की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि ट्रिब्यूनल का गठन हुआ? तब राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि मामला फाइलों में है। प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इतना सुनते ही पीठ ने अपनी सख्त नाराजगी जाहर करते हुए कहा कि अदालत किसी के रहमो करम पर नहीं है कि सब्र करती रहे. अब बहुत हो गया. सोमवार का इंतजार कीजिए और कड़े फैसले के लिए तैयार रहिये.
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अदालत की इस टिप्पणी से साफ हो चुका है कि अब सरकार की कोई दलील नहीं सुनी जायेगी. क्योंकि चार साल से लंबित पड़े इस मामले में उसने आखिरी बार मार्च में चेतावनी देते हुए कहा था कि एक महीना के अंदर ट्रिब्युनल का गठन कर लें.
लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. सरकार के इस जवाब को अदालत अपने फैसले की अवमानना मान रही है. ऐसे में सोमवार का दिन काफी महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले पर अदालत अब क्या रुख अपनाती है.