हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद सरकार ने रोकी चार धाम यात्रा
उत्तराखंड हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के राज्य सरकार नींद से जागी और अब मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर रोक लगाने की घोषणा की।
22 अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा आयोजित करने पर कड़ी टिप्पणी की थी। कहा था कि चार धाम यात्रा को दूसरा कुंभ बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके बाद आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चार धाम यात्रा स्थगित करने की घोषणा कर दी।
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चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा करते हैं। अब मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां किसी को जाने की इजाजत नहीं होगी, सिर्फ इन स्थलों के मंदिरों के पुरोहितों को ही अनुष्ठान और पूजा करने की अनुमति रहेगी।
मालूम हो कि चार धाम यात्रा 14 मई से शुरू होनेवाली थी और राज्य सरकार ने इसकी बड़े स्तर तैयारी भी की थी। 22 अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा था कि सरकार हर तरह से सुरक्षा के उपाय कर रही है। एक गाइडलाइन भी तैयार की जा रही है।
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टूरिस्ट कॉरपोरेशन ने दिल्ली से इस यात्रा के लिए लगभग 44 हजार रुपए का पैकेज दिया था। यात्रा में लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना था। कोर्ट ने दो दिन पहले कहा कि यात्रा की इजाजत देकर सरकार जगहंसाई कराएगी। चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा ने कहा कि चार धाम यात्रा की इजाजत देना कल भयावह साबित हो सकता है।
इस बीच आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्विट किया-चार धाम यात्रो को कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत वर्तमान में स्थगित कर दिया गया है। पुजारी एवं तीर्थ पुरोहित मंदिरों में नियमित पूजा करते रहेंगे।पर्यटकों के लिए चार धाम यात्रा को अग्रिम (अगले पढ़ें) आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।