पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने सिवान से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसके बावजूद इलाके में चर्चा गर्म है कि वे भाजपा के समर्थन से चिराग पासवान की पार्टी लोजपा से चुनाव लड़ेंगी। इस चर्चा का आधार यह है कि हाल में हिना शहाब ने कहा था कि उनके लिए लाल, हरा गेरुआ सभी रंग बराबर हैं। जाहिर है इसका मतलब है कि जिस दल से टिकट मिलेगा, वे उस दल से चुनाव लड़ने को तौयार हैं। उन्होंने गुरुआ यानी भगवा रंग का भी नाम लिया, जो भाजपा के झंडे का रंग है। फिलहाल उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, इसी के साथ सिवान में राजद या इंडिया गठबंधन के जीतने की संभावना क्षीण हो गई हैं। सवाल यह है कि उन्हें निर्दलीय लड़ने से फायदा होगा या लोजपा के टिकट पर। एक मत यह भी है कि वे अमआईएम के टिकट पर भी चुनाव लड़ सकती हैं।
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हिना शहाब अगर निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं, तो भाजपा-जदयू की जीत का अंतर बढ़ जाएगा। पिछली बार 2019 में हिना शहाब राजद की प्रत्याशी थीं। उन्हें जदयू की कविता सिंह ने एक लाख 17 हजार मतों से हराया था। जाहिर है हिना के निर्दलीय लड़ने पर राजद का वोट कम होगा और कविता सिंह की जीत का अंतर बढ़ेगा। लेकिन अगर वे चिराग पासवान की लोजपा से टिकट लेकर लड़ती हैं, तो उन्हें एनडीए का वोट मिलेगा। उधर एमआईएम भी चाहेगा कि हिना शहाब उनकी प्रत्याशी बनें। सिवान सीट एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गया है।
यह भी स्पष्ट है कि हिना शहाब और राजद के बीच दूरी बढ़ गई है। इंडिया गठबंधन की रैली से हिना शहाब ने दूरी बना कर रखी थी। तेजस्वी यादव जब सिवान गए थे, तब भी हिना उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई थीं। जानकार मानते हैं कि यह दूरी अब पटने वाली नहीं है। 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार से सिवान सीट एनडीए के कब्जे में है।