पद्म सम्मान से साहित्य सम्मेलन का ध्वज और ऊँचा हुआ है: डा अनिल सुलभ
सम्मेलन से जुड़ी पद्म–सम्मान से विभूषित विदुषियों और विद्वानों का किया गया भव्य अभिनंदन
पटना, १ फरबरी। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से संबद्ध बिहार की विदुषियों और विद्वानों के पद्म–सम्मान हेतु चयन से सम्मेलन का मान–ध्वज और ऊँचा हुआ है। सम्मानित होनेवाली बिहार की इन सभी विभूतियों ने साहित्य, कला और समाज की अत्यंत मूल्यवान सेवाएँ की हैं, इसलिए इनका सम्मान सर्वथा उचित और प्रशंसनीय है। साहित्य सम्मेलन को इन सब पर बड़ा ही गौरव है।
यह बातें शनिवार को सम्मेलन सभागार में आयोजित अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि, जो समाज अपने बीच के वरेण्य–जनों का सम्मान करता है, वह उन्नति को प्राप्त होता है। ठीक इसके विपरित जो अपने बड़ों–बुज़ुर्गों और वरेण्य जनों का सम्मान नहीं करता, वह समाज पतनोन्मुख हो जाता है। उन्होंने कहा कि, इस वर्ष भारत सरकार द्वारा बिहार के ६ व्यक्तियों को पद्म–सम्मान से विभूषित करने का निर्णय लिया है, जिनमें से चार, डा शांति जैन, डा विमल जैन, प्रो श्याम शर्मा और प्रो रामजी सिंह सम्मेलन से जुड़े हुए हैं। इसलिए भी यह समाचार हम सबके लिए आह्लाद–प्रद और गौरवपूर्ण है।
इसके पूर्व पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने पुष्प–हार और वंदन–वस्त्र प्रदान कर, पद्म–श्री सम्मान से विभूषित डा शांति जैन, डा विमल जैन, प्रो श्याम शर्मा तथा डा शांति राय का सम्मेलन की ओर से अभिनंदन किया। अस्वस्थ रहने के कारण प्रो रामजी सिंह उपस्थित नही हो सके।अपने उद्गार में न्यायमूर्ति ने अभिनंदित व्यक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान केवल इनका हीं नहीं, बल्कि संपूर्ण बिहार का सम्मान है। इन विभूतियों ने संपूर्ण देश में बिहार का नाम गौरवान्वित किया है। पद्म–सम्मान इन सबकी व्यक्तिगत उपलब्धि तो है ही किंतु निश्चित रूप से इससे बिहार का सम्मान,साहित्य, कला और समाजसेवा के क्षेत्र में, बढा है। सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, प्रो बासुकी नाथ झा तथा डा भूपेन्द्र कलसी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर, वरिष्ठ कवयित्री डा पुष्पा जमुआर, पूनम आनंद, डा नवनीत शर्मा, अमियनाथ चटर्जी, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा शालिनी पाण्डेय, कुमार अनुपम, डा भावना शेखर, आरपी घायल, रमेश कँवल, आराधना प्रसाद, विवेक द्विवेदी, डा सुलक्ष्मी कुमारी, राज कुमार प्रेमी, डा अर्चना त्रिपाठी, डा सुधा सिन्हा, चंदा मिश्र, डा सुलोचना झा, सागरिका राय, माधुरी भट्ट, कुंदन झा, डा पल्लवी विश्वास, डा विनय कुमार विष्णुपुरी,डा मुकेश कुमार ओझा, प्रभात धवन, शुभचंद्र सिन्हा, डा कुंदन कुमार, जय प्रकाश पुजारी, राज किशोर ओझा, श्रीकांत व्यास, अरविंद कुमार सिंह, अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, डा निर्मला सक्सेना, फ़िरोज़ आलम, अमरेन्द्र कुमार, सरोज गुटगुटिया, बच्चा ठाकुर, नेहाल कुमार सिंह ‘निर्मल‘,सुमन कुमार , प्रतिभा सिंह, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता आदि बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
मंच का संचालन योगेन्द्र प्रसाद मिश्र ने तथा धन्यवाद–ज्ञापन कृष्णरंजन सिंह ने किया।