उप मुख्यमंत्री सह वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के होटल, रेस्तरां एवं बैंक्वेट हॉल संचालकों को इस वर्ष 31 अक्टूबर तक प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा करने का निर्देश दिया है।
श्री मोदी ने वायु,जल व ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण और निवारण के लिए आज यहां हुई बैठक में होटल, रेस्टोरेंट एवं बैंक्वेट हॉल संचालकों को स्थापना की अनुमति के लिए 31 अक्तूबर 2019 तक आवेदन देने का निर्देश दिया। उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन के साथ ही जल एवं ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रबंध करने, प्लास्टिक की थैली का प्रयोग प्रतिबंधित करने तथा होटल और रेस्तरां को साफ-सुथरा रखने का निर्देश दिया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे अधिक कचरा होटल, रेस्तरां एवं बैंक्वेट हॉल में ही देखे जाते हैं। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि तय समयसीमा में गंदा पानी का निस्तारण और जूठन का समुचित प्रबंधन करने के साथ ही गंदे पानी के उपचार के लिए होटल संचालक एसटीपी या फिल्टर की व्यवस्था करें। नगर निगम के नाले में यदि गंदे पानी को प्रवाहित करते हैं तो उससे तेल और ग्रीस हटाने के लिए मल्टी ग्रेड फिल्टर से साफ करें।
श्री मोदी ने ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन और दिल की बीमारी के बढ़ते गंभीर खतरे से अगाह करते हुए कहा कि इसके नियंत्रण के लिए तय मानकों का पालन करें। रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और डीजे का शोर न हो। होटल परिसर और पार्किंग में मल्टीपल टोन और म्युजिकल हॉर्न का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित हो। ऐसा करने वालों को रोकें और नहीं मानने वालों के खिलाफ शिकायत करें।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि होटल के रसोईघर के धुएं की निकासी की ऐसी व्यवस्था करें कि आसपास के लोगों को परेशानी न हो। जल संरक्षण के लिए शौचालय में ऐसा नल लगाएं ताकि पानी की बर्बादी न हो। सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के साथ ही वर्षा जल संचयन का प्रबंधन करें। होटल के कमरे, कॉरीडोर, परिसर को हरा-भरा रखें। पर्याप्त कूड़ेदान की व्यवस्था और ग्राहकों को उसमें कूड़ा डालने के लिए प्रेरित करें। प्लास्टिक की थैली, थर्मोकोल से बने प्लेट, कटोरी, गिलास का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित करें।