IAS KK Pathak की ‘रॉबिनहुड’ छवि से क्यों बेचैन हैं शिक्षा मंत्री
IAS KK Pathak के पद संभालते ही शिक्षक से लेकर अधिकारी तक काम के प्रति सचेत और जिम्मेदार हुए, लेकिन उनकी ‘रॉबिनहुड’ छवि से शिक्षा मंत्री की परेशानी बढ़ी।
जब से IAS KK Pathak ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली है, स्कूलों का कायाकल्प हो गया है। अब कोई शिक्षक लेट से नहीं आते। समय से पहले पहुंच जाते हैं। स्कूलों में साफ-सफाई दिख रही है। बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन की क्वालिटी में स्पष्ट सुधार दिख रहा है। स्कूलों में सुधार की चर्चा अब पब्लिक में होने लगी है। ऐसे समय शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आईएएस केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे मंत्री की छवि ही नकारात्मक बन रही है और केके पाठक की सराहना बढ़ती जा रही है।
नौकरशाही डॉट कॉम ने कई स्कूलों का दौरा किया और पाया कि स्कूलों में सुधार से देर से आनेवाले शिक्षक ही परेशान हैं, पर बच्चे, अभिभावक और आम लोग खुश हैं। बच्चों ने कहा कि शिक्षक अब पहले से ज्यादा विनम्र और पढ़ाई के प्रति जिम्मेदार हो गए हैं।
इधर शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ. कृष्णानंद यादव ने केके पाठक को तीन पन्नों का लंबा पत्र लिखा है। उन्होंने मंत्री के हवाले से विभाग के अफसरों पर आरोप लगाया है कि विभाग के निर्णय को वे जानबूझ कर मीडिया को पहले दे रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि बंद कमरों में होने वाली बैठकों के निर्णय भी मीडिया को दिए जा रहे हैं। मीडिया में विभाग टाइट, नकेल कसा, वेतन काटा, कड़क जैसे शब्दों के प्रयोग पर भी मंत्री के आप्त सचिव ने आपत्ति जताई है और कहा है कि इससे विभाग की छवि बिगड़ रही है।
मंत्री के आप्त सचिव के पत्र का लब्बो-लुबाब यही है कि मीडिया में अफसरों के माध्यम से खबर न जाए। इसके लिए एक सूचना पदाधिकारी की नियुक्ति का भी प्रस्ताव दिया गया है।
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शिक्षा मंत्री को जिस बात से खुश होना चाहिए कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार दिख रहा है, वहीं वे अफसरों की अत्यधिक सक्रियता से परेशान हैं। अफसरों की सक्रियता का भी मंत्री को स्वागत करना चाहिए था। इस तरह शिक्षा मंत्री गलत समय पर आईएएस केके पाठक से भिड़ गए हैं। वे इसी तरह विभाग की अत्यधिक सक्रियता से नाराज रहे, तो मंत्री की छवि ही नकारात्मक होगी।
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