आईपीएस पर मुकदमों की झड़ी, राष्ट्रपति को लिखा पत्र
यूपी सरकार ने से.नि. आईएएस पर मुकदमों की झड़ी लगा दी है। आईएएस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा कि उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं।
पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कानूनों का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने लिखा कि वे लंबे समय तक सरकारी सेवा में रहे, लेकिन आज जैसा कानून का दुरुपयोग नहीं देखा। आवाज उठानेवालों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे किए जा रहे हैं। सरकारी व्यवस्था पर रिपोर्ट लिखी, तो पत्रकार पर मुकदमा, सवाल पूछा, तो मीडिया का विज्ञापन बंद करने की धमकी, ट्विट करो, तो आईटी एक्ट के तहत मुकदमा, सड़क पर प्रदर्शन किया, तो लाठी से पीटना।
उत्तर प्रदेश में एनएसए का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। माननीय इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 120 में से 94 मामले यह कहते हुए खारिज कर दिए कि एनएसए का गलत उपयोग किया गया।
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पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ने खुद अपना उदाहरण भी दिया है। उन्होंने पिछले साल 10 जून को राज्य में कोरोना के कम टेस्ट होने पर सवाल किया, तोे अगले ही दिन आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा कर दिया गया। 24 जून को बिजली के चीनी मीटर्स हटाने और खर्च जनता पर नहीं डालने की बात कही, तो प्रौद्योगिक अधिनियम के तहत मुकदमा कर दिया गया। कासगंज में बलात्कार पीड़िता और उसकी मां को आरोपियों द्वारा ट्रैक्टर से कुचलने का मामला उठाया, तो फिर मुकदमा कर दिया गया।
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उन्होंने आगे लिखा कि कल तो हद हो गई। एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी के पत्रकार को मुख्यमंत्री ने अपशब्द कहे। लाइव कार्यक्रम को ही फर्जी बताकर फिर मुकदमा करने की धमकी दी जा रही है। अफसोस तो यह है कि किसी पत्रकार ने इस मामले को उठाने की हिम्मत नहीं की, उल्टे उस वीडियो को ही फर्जी बताने में जुट गए।