इमेज वार : PM की ताबड़तोड़ रैलियां, राहुल चुनाव छोड़ चल दिए
गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। राहुल गांधी दो रैली कर भारत जोड़ो यात्रा में गए। संदेश दिया कि चुनाव से ज्यादा जरूरी देश।
कुमार अनिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार गुजरात में रैलियां कर रहे हैं। उनकी इमेज ऐसी है कि वे 24 घंटे और 365 दिन चुनावी मोड में रहते हैं। राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी की इमेज के विपरीत काम कर रहे हैं। वे गुजरात गए और दो रैलियां करके फिर से #BharatJodoYatra में शामिल हो गए। सुबह पांच बजे प्रार्थना सभा, झंडोत्तोलन, फिर छह बजे से पदयात्रा। गुजरात चुनाव में हफ्ता भर देर है। क्या कांग्रेस ने भाजपा के लिए मैदान छोड़ दिया है या वह किसी रणनीति पर काम कर रही है?
प्रधानमंत्री मोदी हर सभा में कांग्रेस तथा राहुल गांधी की पदयात्रा पर हमला कर रहे हैं। पूरी भाजपा कांग्रेस पर हमला कर रही है, लेकिन राहुल गुजरात गए भी तो सिर्फ मुद्दों की बात की। थोड़ा बोले-लगभग 15 मिनट। प्रधानमंत्री की तरह 45 मिनट या घंटा भर नहीं। क्या प्रधानमंत्री की 24 घंटे चुनावी मोड में रहने की गढ़ी गई छवि अब परेशानी का कारण बन सकती है। यह सवाल इसलिए कि राहुल गांधी की एक दूसरी इमेज उभर रही है कि उन्हें चुनाव में जीत-हार से ज्यादा देश की चिंता है। महंगाई, बेरोजगारी और नफरत के खिलाफ देश को जोड़ना है। ये दो इमेज हैं, जो एक दूसरे के विपरीत हैं।
गुजरात में प्रधानमंत्री की कई रैलियां हो चुकी हैं, लेकिन उनमें न भारी भीड़ दिख रही है और न ही भीड़ में कोई उत्साह। कई लोग मान रहे हैं कि गुजरात चुनाव में मतदाता सुस्त हैं। प्रधानमंत्री कांग्रेस पर हमला तो खूब कर रहे हैं, पर जम नहीं रहा। आखिर भाजपा वहां 27 साल से सत्ता में है। आप कांग्रेस को कैसे जिम्मेदार बताएंगे।
It’s going to be sleep less nights for the “Sangh Parivar” . Bharat Jodo Yatra became new sensation of this country #MadhyaPradeshWelcomesRahul pic.twitter.com/VdcJfdLxuO
— IYC Kerala (@IYCKerala) November 23, 2022
अगर राहुल गांधी की छवि किसी चुनाव के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए चिंता करने वाले नेता के रूप में मजबूत होती है, तो इससे सबसे ज्यादा परेशानी भाजपा को होगी। प्रधानमंत्री की छवि चुनावी मोड में रहने वाले की है, यह छवि मीडिया ने विपक्ष को कमजोर बताने के लिए खूब गढ़ा, लेकिन चुनाव और देश में चुनना हो, तो लोग देश को ही चुनेंगे।
कांग्रेस 2024 की तैयारी कर रही है। अगर उसने राहुल गांधी की देश की चिंता करने वाले नेता के रूप में छवि जनता में स्थापित कर दी, तो परिणाम की कल्पना की जा सकती है।
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