IndiaAlliance की दिल्ली में रविवार को लोकतंत्र बचाओ विशाल रैली हुई, लेकिन हिंदी के बड़े अखबारों ने इस महत्वपूर्ण खबर को गायब कर दिया या दो-चार लाइन में निबटा दिया। दैनिक भास्कर ने प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी खबर के भीतर छोटे से बॉक्स में IndiaAlliance की खबर को निबटा दिया है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने लिखा-देश के सबसे बड़े हिन्दी अख़बार होने का दावा करने वाले में ढूँढ लीजिए विपक्ष की सबसे बड़ी रैली की खबर।दूसरे दो अख़बारों में एक कोलकाता का ‘द टेलीग्राफ’ है और दूसरा ‘इण्डियन एक्सप्रेस’। आप ही तय कर लीजिये कि देश और अपने पाठकों को धोखा कौन देने वाला है !
हालांकि अंग्रेजी अखबारों द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस तथा द टेलिग्राफ ने IndiaAlliance की खबर को लीट खबर बनाया है। सोशल मीडिया में हिंदी के पाठकों से हिंदी अखबारों की इस बेईमानी की काफी आलोचना हो रही है।
इस बीच राहुल गांधी ने कहा प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ रहे हैं पर खुद असम से लेकर महाराष्ट्र तक भ्रष्टाचार की फ्रेंचाइज़ी बांट रहे हैं! उन्होंने जिसे जितना बड़ा भ्रष्टाचारी कहा, उसके लिए भाजपा कार्यालय में उतनी ही बड़ी रेड कार्पेट बिछा कर उसका स्वागत किया। ED, IT और CBI जैसे संस्थानों को ‘वसूली एजेंट’ बना कर चंदे का धंधा कर रही भाजपा अब भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन चुकी है। मोदी सरकार का मतलब सिर्फ भ्रष्टाचारियों को ‘सुरक्षा की गारंटी’ है।
इधर कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया है कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से 1700 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला था जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई थी। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल कुल 3,567 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की जा चुकी है।
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वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिमांड अवधि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। इसका मतलब है कि पहले चरण तक के चुनाव प्रचार में केजरीवाल हिस्सा नहीं ले पाएंगे।