IPS अनिल किशोर यादव ने बताया क्या है Graded Inequality
Inequality (असमानता) और Graded Inequality (वर्गीकृत असमानता) में फर्क है। वर्गीकृत असमानता ज्यादा खतरनाक है। IPS अनिल किशोर यादव ने सरल शब्दों में समझाया।
Inequality (असमानता) और Graded Inequality (वर्गीकृत असमानता में बड़ा फर्क होता है। अमेरिका सहित कई देशों में गुलाम प्रथा थी, जो असमानता पर आधारित थी और जिसके खिलाफ कई विद्रोह हुए, लेकिन केवल भारत में Graded Inequality (वर्गीकृत असमानता) है। यह जातिवाद के कारण है। यह ज्यादा खतरनाक है। बिहार के वरिष्ठ IPS अनिल किशोर यादव ने सरल शब्दों में समझाया कि यह ग्रेडेड इनइक्वालिटी अर्थात वर्गीकृत असमानता क्या है।
दलित दस्तक के सह संस्थापक ने लिखा था कि यादव दलितों पर अत्याचार करते हैं। उनका जवाब देते हुए आईपीएस अनिल किशोर यादव ने लिखा-Graded Inequality की अत्याचारी और शोषक-हित में अतिसफल जातिव्यवस्था ने हमारे समाज में KICK BELOW LICK ABOVE की कायर अन्यायी वृत्ति सभी के खून में मिला दी है। एक तरफ से लात खाओ दूसरी तरफ लात लगाओ। यही सनातन है। हम फलाँ क्षत्रिय हैं, हम यादव हैं, हम पटेल, जाट, राजपूत, गुर्जर, ब्राह्मण हैं। हम ये हैं, हम वो हैं। कमजोर को सताने वाले सभी व्यक्ति जाति समुदाय अत्याचारी अन्यायी होने के साथ-साथ गहरी कुंठा और हीनभावना से ग्रस्त घिनौने कायर होते हैं। न अत्याचार करो न अत्याचार सहो। सच्चे बहादुर न अन्याय करते हैं न अन्याय सहते हैं। जयहिन्द।
Graded Inequality की अत्याचारी और शोषक-हित में अतिसफल जातिव्यवस्था ने हमारे समाज में KICK BELOW LICK ABOVE की कायर अन्यायी वृत्ति सभी के खून में मिला दी है❗️
— Anil Kishore Yadav IPS (@anil1996ips) June 8, 2023
एक तरफ से लात खाओ दूसरी तरफ लात लगाओ। यही सनातन है❗️
हम फलाँ क्षत्रिय हैं हम यादव हैं हम पटेल जाट राजपूत गुर्जर ब्राह्मण… https://t.co/4PzQT39Ei6
आईपीएस अनिल किशोर ने आगे लिखा- #Graded_Inequality की शातिर मनोविज्ञान के हिसाब से उनकी ऐसी प्रतिक्रिया natural है। ‘grading’ में ज्यादा ‘ऊँचे’ से जलील होना उससे तुलनात्मक रूप से कम ‘ऊँचे’ द्वारा जलील किए जाने की तुलना में ज्यादा tolerable होता है। कोई बंदा बहुत बड़े अफसर की गाली शायद बर्दाश्त कर ले लेकिन कोई किरानी भी वैसा ही करे तो प्रतिरोध की सम्भावना ज्यादा होगी। अत्याचार किसी को भी नहीं करना है। सोशल मीडिया में अनेक लोगों ने आईपीएस के ट्वीट की सराहना की है।
Graded inequality पर डॉ. आंबेडकर ने काफी विस्तार से लिखा है। यह सिर्फ भारत में पाई जाती है, जिसका मूल मनुवाद में है, जो समाज को जातियों को सीढ़ी की तरह बांटता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि पीड़ित कभी एकजुट नहीं हो सकते। वे आपस में बंट जाते हैं। यहां तक कि दलित भी बंट जाते हैं।
आईपीएस अनिल किशोर यादव लगातार वंचित समाज को जगाने वाले ट्वीट करते रहते हैं।
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