आईपीएस एसोसिएशन ने हाथरस SP को हटाने पर पूछा DM पर कार्यवाई क्यों नहीं ?

शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप एवं हत्याकांड पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे है. वही हाथरस एसपी विक्रांत वीर को हटाये जाने पर आईपीएस एसोसिएशन ने पूछा है कि DM पर करवाई क्यों नहीं की गयी ?

दरअसल हाथरस काण्ड पर घिरते देख योगी सरकार ने एसपी विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया जबकि गंभीर आरोप के बावजूद हाथरस के डीएम (District Magistrate) प्रवीण कुमार पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसपर कथित तौर पर डीएम पर पीड़ित परिवार के लोगो को धमकाने, प्रताड़ित करने और दुर्वयवहार जैसे गंभीर आरोप लगे है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने सीधे-सीधे हाथरस DM को हटाने की मांग की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि कल यूपी के सीएम साहब ने संवाद से समस्याओं को हल करने की बात कही। तो क्या वो पीड़ित परिवार की बात सुनेंगे? हाथरस डीएम पर कार्रवाई कब? न्यायिक जांच के आदेश कब ?”. इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया।

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हाथरस के पीड़ित परिवार से युवती के शव का अंतिम संस्कार करने से पहले अनुमति नहीं मांगने पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी (HC Awasthi) ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि “मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। स्थानीय (प्रशासन) स्तर पर निर्णय लिया गया”.

प्रियंका गाँधी लगातार हाथरस DM को हटाने की मांग कर रही है. उन्होंने 4 अक्टूबर को ही ट्वीट कर DM प्रवीण कुमार को हटाने की मांग की थी. उन्होंने ट्वीट में कहा कि “न्याय की पहली सीढ़ी है पीड़ित लड़की की बात सुनना। वास्तविकता ये है कि बीजेपी आज भी लड़की के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है।हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जाँच हो।

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परिवार न्यायिक जांच माँग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके SIT की जांच जारी है”।

हिंदी वेबसाइट पत्रिकाडॉटकॉम ने आईपीएस एसोसिएशन को यह कहते हुए बताया कि एसोसिएशन का कहना है कि जब एसपी पर कार्रवाई हो सकती है तो डीएम पर क्यों नहीं? अगर कोई लापरवाही हुई है तो अकेले पुलिस महकमा कैसे जिम्मेदार है?

आईपीएस सर्कल्स में हाथरस काण्ड में सिर्फ पुलिस अधीक्षक पर कार्यवाई होने से खासी नाराज़गी बताई जा रही है. ख़ास तौर से नये अफ़सर. उन्हें लगता है कि आईपीएस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जाता है. एक ज़िले के एसपी ने कहा, जब गलती एक तरह की तो फिर सजा सिर्फ हाथरस के एसपी के ही क्यों ?
राजस्थान के रहने वाले एक आईपीएस अफसर की और से कहा गया कि उन्होंने इस मुद्दे पर एसोसिएशन की बैठक बुलाए जाने की मांग की.जिसमें राज्य के डीजीपी से लेकर एसपी रैंक के अफसर तक जुड़े हैं.

हाथरस मामले में एसपी, डीएसपी पर गाज गिरी थी. दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके अलावा, आदेश दिया गया था कि सभी का नारको पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाएगा. इसमें पीड़िता का परिवार भी शामिल है. हालांकि पीड़िता के परिवार ने नार्को टेस्ट का विरोध किया है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने SIT (Special Investigation Team) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

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हालांकि अब उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड केस को CBI द्वारा कराये जाने की सिफारिश कर दी है. एसआईटी की रिपोर्ट में हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर पर लापरवाही का आरोप लगा था.

By Editor


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