जेल में बंद आजम खान से मिलने सपा के बड़े नेता क्यों नहीं गए
जेल में बंद आजम खान से मिलने सपा के बड़े नेता क्यों नहीं गए। आजम के प्रति समर्थन केवल सोशल मीडिया तक ही सीमित क्यों? सड़क पर कोई प्रतिवाद क्यों नहीं?
सपा नेता आजम खान (Azam Khan), उनकी पत्नी और बेटे जेल में बंद हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में उनके साथ किए जा रहे जुल्म पर विरोध जताया, लेकिन ये विरोध सोशल मीडिया तक ही सीमित है। सपा इतनी बड़ी पार्टी है। वह राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बावजूद जेल में बंद आजम खान से मिलने सपा के कोई बड़े नेता नहीं गए। यह सवाल यूपी की सियासत में धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है।
मासूम हो कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र होने के मामले में कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई है। आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम को पहले रामपुर जेल में रखा गया। बाद में आजम खान को रामपुर जेल से सीतापुर जेल में भेज दिया गया। वर्ष 2017 में अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव रामपुर से लड़ा और जीते। उन पर आरोप लगा कि उनके दो प्रमाणपत्रों में दो जन्म तिथियां हैं। 2017 के यूपी विधानसभा में अब्दुल्ला द्वारा दिए गए बर्थ सर्टिफिकेट पर उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज थी, जबकि अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर उनकी जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी। शैक्षणिक प्रमाणपत्र पर दर्ज जन्म तिथि के हिसाब से अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के लिए जरूरी 25 साल की उम्र को पूरा नहीं कर पाए थे। इसी आधार पर अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता भी रद्द हो गई थी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान के प्रति समर्थन तो जताया, लेकिन सपा ने इसे राज्य में कोई बड़ा मुद्दा नहीं बनाया। सड़क पर कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। सवाल उठ रहे हैं कि सपा प्रमुख सोशल मीडिया से आगे क्यों नहीं जा रहे। क्या उन्हें इस बात का डर है कि अगर वे आजम खान के मामले को बड़ा मुद्दा बनाएंगे, तो भाजपा उन्हें हिंदू विरोधी साबित कर देगी या कोई अन्य कारण है? कारण जो भी हो, लेकिन जेल में आजम खान से मिलने न जाना बड़ा सवाल बनता जा रहा है।
इस बीच खबर है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय गुरुवार को सीतापुर जेल जाएंगे और वहां आजम खान से मुलाकात करेंगे। इस खबर के बाद राज्य में तरह-तरह की राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है।
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