जदयू की घुड़की के बाद तीसरी बार ठंडी पड़ी भाजपा
एसएसपी के बयान से आग-बबूला भाजपा 24 घंटे में ही ठंडी पड़ी। ऐसा डेढ़ महीने में तीसरी बार हुआ।
पटना के एसएसपी के बयान के बाद भाजपा आग-बबूला थी। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एसएसपी से माफी मांगने की मांग की थी। भाजपा के कई मंत्रियों ने Patna SSP SSP Manavjit Singh Dhillon को हटाने तक की मांग की। कहा, आरएसएस का अपमान करनेवाले एसएसपी को बरदाश्त नहीं करेंगे। लेकिन जदयू के एक जवाब के बाद भाजपा के सारे बड़े नेता चुप हो गए हैं।
एसएसपी ने कहा था कि आरएसएस की तरह ही पीएफआई ( PFI- Popular Front of India) एक्सरसाइज करने के नाम पर संगठन बनाता है फिर अपना एजेंडा बढ़ाता है।
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उनके इस बयान से भाजपा उखड़ गई, लेकिन जैसे ही जदयू ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मसला नहीं है और इसे संबंधित विभाग देखेगा, उसके बाद भाजपा के सारे नेता चुप हो गए। आज भाजपा सांसद सुशील मोदी ने एसएसपी पर कुछ नहीं कहा।
पिछले डेढ़ महीने में ऐसा तीसरी बार हुआ, जब भाजपा को जदयू के आगे झुकना पड़ा। पिछले महीने एक जून को जातीय जनगणना के सवाल पर बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा ने पीछे हटते हुए जातीय जनगणना पर सहमति दी थी।
अभी एक हफ्ता पहले एक बार फिर भाजपा और जदयू में तनातनी हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा कोटे के मंत्री के 183 अधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री का यह कदम भाजपा को हिला देनेवाला था, लेकिन एक दिन के बाद ही भाजपा शांत हो गई।
अब दो दिन पहले पटना के एसएसपी ने कहा कि संघ की तरह ही पीएफआई की कार्यशैली है। इसके बाद भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने खूब आग उगला, लेकिन जैसे ही जदयू का एक लाइन का बयान आया, भाजपा फिर से शांत हो गई। इस बार तो मामला संघ के अपमान का था, लेकिन फिर भी भाजपा को बैकफुट पर जाना पड़ा।
खास बात यह कि एसएसपी के बयान का राजद ने पुरजोर समर्थन किया। आज विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने खुलकर एसएसपी का समर्थन करते हुए संघ-भाजपा पर हमला बोला, इसके बावजूद भाजपा की बोलती बंद है।