JDU ने चिराग पासवान को दिया ऑफर, अचानक गरमाई राजनीति
जदयू ने चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया। भाजपा से उपेक्षित चिराग क्या करेंगे? 2024 में अकेले लड़े, तो फंसेंगे। क्या करेंगे चिराग?
कुमार अनिल
लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान रविवार को तेजस्वी यादव के इफ्तार में शामिल हुए। इस इफ्तार में भाजपा के कोई नेता शामिल नहीं हुए। भाजपा के करीबी रालोजद के उपेंद्र कुशवाहा ने भी इफ्तार का विरोध किया, लेकिन लोजपा (रा) के चिराग पासवान शामिल हुए। उन्होंने यहां उपस्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर भी छुए। तेजस्वी यादव ने उन्हें गले लगा कर गर्मजोशी से स्वागत किया। यहां ध्यान देने की बात है कि चिराग अब तक खुद को भाजपा का करीबी दिखाते-बताते रहे हैं। जब भाजपा का कोई नेता इफ्तार में नहीं गया, तब भी चिराग का जाना खास महत्व रखता है। सवाल तो है कि क्या चिराग अब भाजपा के मोहपाश से बाहर निकलना चाहते हैं। क्या चिराग भाजपा की उपेक्षा से तंग आ चुके हैं।
यह भी याद रखिए कि दो दिन पहले चिराग के चाचा पशुपति पारस ने चिराग पर करारा हमला बोला था। कहा था कि उनका खून अलग है। चिराग उनका भतीजा नहीं है। इस स्तर पर चिराग से विरोध दिखा कर पारस ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मोदी मंत्रिमंडल में चिराग के लिए कोई जगह नहीं है। वैसे भी अब लोकसभा चुनाव में एक साल से कम ही समय बचा है।
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा पारस और चिराग दोनों की लोजपा के लिए सीटें छोड़ेगी, इसकी उम्मीद कम ही है। तब चिराग क्या करेंगे। भाजपा ने चिराग के लिए सीटें न छोड़ीं, तब क्या चिराग अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अकेले लड़ेंगे, तो परिणाम का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए चिराग को भी मित्र की तलाश है, जिसके जरिये वे खुद और अपने कुछ खास लोगों को संसद तक पहुंचा सकें। चिराग के पास कम समय है। उन्हें फैसला लेना होगा। इस स्थिति को भांप कर ही जदयू ने चिराग को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। यह ऑफर जदयू के केसी त्यागी ने महागठबंधन की तरफ से दिया है। राजनीति गरमाई। कुछ न कुछ नया होगा।
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