जदयू से बाहर किए जा सकते हैं RCP, ये हैं दो नए कारण

आरसीपी सिंह के दो कार्यक्रमों में उन्हें भावी मुख्यमंत्री बनाने के नारे से जदयू के बड़े नेता नाराज। जल्द पार्टी से हो सकते हैं बाहर। नारे के पीछे कौन?

पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह और जदयू के बीच दूरी ही नहीं, तल्खी भी बढ़ गई है। इसका परिणाम दिखने भी लगा है। आरसीपी सिंह हाल में दो कार्यक्रमों में गए। एक जहानाबाद में तथा दूसरा नालंदा के ही एक प्रखंड में। दोनों जगह उनके साथ गाड़ियों का लंबा काफिला था। कार्यक्रम में यह भी नारा लगा कि अगला मुख्यमंत्री कैसा हो, आरसीपी सिंह जैसा हो। इस नारे से जदयू नेता सख्त नाराज हैं। इशारों में ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कड़े शब्दों में कहा-यहां सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जदयू में एक ही नेता हैं, वह हैं नीतीश कुमार। इसका मतलब भी यही समझा गया कि कोई दूसरा अपने को नेता न समझे।

आरसीपी सिंह जदयू से बाहर हो सकते हैं इसकी दूसरी वजह है पार्टी के प्रवक्ता मंजीत सिंह का बयान। पार्टी प्रवक्ता ने साफ कहा कि आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर किया जाए। इन दो बातों से स्पष्ट है कि आरसीपी सिंह को कभी भी पार्टी से बाहर किया जा सकता है।

इसी के साथ राजनीतिक गलियारे में यह सवाल खूब किया जा रहा है कि आरसीपी सिंह के पीछे किसका समर्थन है। कहां से इतनी गाड़ियां आ रही हैं। कौन लोग उनके साथ जा रहे हैं तथा उनका मकसद क्या है? नौकरशाही डॉट कॉम ने यही सवाल राजनीति के जानकारों से पूछा तो अधिकतर ने माना कि भावी मुख्यमंत्री आरसीपी का नारा लगाने वाले जदयू कार्यकर्ता नहीं हो सकते। जदयू में आज भी नीतीश कुमार ही सर्वमान्य नेता हैं। तो कौन लोग हैं, जो आरसीपी को भावी मुख्यमंत्री का नारा लगा रहे हैं और क्या है योजना? माना जा रहा है कि आरसीपी और जदयू के बीच कोई तीसरा अदृश्य खिलाड़ी भी है।

एक और बात- प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने दो दिनों में आरसीपी सिंह के करीबी तीन जिला अध्यक्षों को हटा दिया है। भागलपुर, अरवल और पूर्वी चंपारण के जिला अध्यक्ष बदल दिए गए हैं।

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