व्हाट्सऐप पर शराब की शिकायतों से KK Pathak का मोबाइल हैंग
मद्यनिषेध विभाग के अपर मुख्यसचिव केके पाठक का मोबाइल शराब की शिकायतों से हैंग कर रहा है. महज 17 दिनों में हजारों मैसेज आ चुके हैं.
केके पाठक की कड़क मिजाजी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केके पाठक ( K K PathaK) को 18 नवम्बर को विभाग का अपर मुख्यसचिव बनाया था. पाठक ने पद संभालते ही शराब से संबंधित शिकायतों के लिए अपना व्हाट्सऐप नम्बर जारी कर दिया था. महज 17 दिनों में पाठक के मोबाइल पर शिकायतों का तांता लग गया.
गौरतलब है कि केके पाठक इससे पहले 2016 तक मद्यनिषेध विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं. उन्हें नालंदा में एक शराबकांड के बाद पद से हटा दिया गया था. तब पाठक ने एक सबइंस्पेक्टर को दारू मामले में गिरफ्तार कर लिया था. पाठक की कड़कमिजाजी को देखते हुए नीतीश कुमार ने केके पाठक को फिर से उस विभाग की कमान सौंप दी है.
पाठक ने अपना व्हाट्सएप्प नंबर भी जारी कर दिया ताकि उनके पास कोई भी गुप्त सूचना आसानी से पहुंच जाए और वो लोगों से सीधे जुड़ जाएं. अब आलम ये है कि पाठक के पास ताबड़तोड़ मैसेज आ रहे. जिससे उनका फोन तक हैंग होने लगा है.
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हालांकि केके पाठक ने अधिकतकर मैसेजेज पर त्वरित कार्रवाई करवाई जिसके कारण अनेक स्थानों पर छापेमारी भी हुई. अनेक लोग रंगे हाथों गिरफ्तार भी हुए. गिरफ्तारी के बाद लोगों की और भी शिकायतें आने लगीं.
खबर है कि सरकार अब शिकायतों के लिए वैकल्पिक व्यस्था पर गौर कर रही है ताकि शिकायतें आसानी से मिलती रहें और उस पर त्वरित कार्रवाई भी हो. संभव है कि अब इसके लिए कुछ लोगों को व्हाट्सऐप मॉनिटर करने के लिए कम्प्युटर पर डिप्यूट किया जाये.
याद रहे कि शराबबंदी के बावजूद बड़े पैमाने पर शराब मिलने और अनेक स्थानो पर जहरीली शराब पीने से दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत पर राज्यसरकार की जगहंसाई हो रही थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और कई सख्त निर्देश दिये.
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अब नतीजा यह है कि पिछले कुछ दिनों में बिहार में शराब मामले को लेकर खौफ का आलम दिखने लगा है. वहीं शराब माफियाओं से मिलीभगत वाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है.