कभी सोनिया ने भाजपा की हवा निकाल दी थी, अब राहुल ने निकाली
2004 में सोनिया गांधी ने PM पद ठुकरा कर BJP के विदेशी मूल के मुद्दे की हवा निकाल दी थी। अब राहुल गांधी के कदम से भाजपा का बड़ा नारा रद्दी के भाव हुआ।
कुमार अनिल
कभी-कभी इतिहास खुद को दुहराता है। वर्ष 2004 में सोनिया गांधी ने भाजपा के विदेशी मूल के तूफान को अपने एक कदम से शांत कर दिया था, बल्कि भाजपा की एक बड़ी नेता, जिन्होंने सोनिया के पीएम बनने पर केश मुड़वा लेने की धमकी दी थी, को बहुत ही बौना साबित कर दिया था। खुद सोनिया का कद बहुत बड़ा हो गया था। अब राहुल गांधी के कदम से पूरी भाजपा का एक बड़ा हथियार रद्दी बन कर रह गया है।
कल तक बहुत से लोग मान रहे थे कि अंततः राहुल गांधी ही अध्यक्ष होंगे। कई तो यहां तक कहते थे कि राहुल गांधी नाटक कर रहे हैं। वे ही बनेंगे। लेकिन जब देशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं, तब राहुल ने थाली में परोस कर दिए गए इस पद को ठुकरा दिया है। अगर वे बन जाते, तो भाजपा राहुल के खिलाफ कितना शोर मचाती, इसे समझा जा सकता है। लेकिन बड़ी बात यह है कि भाजपा का सबसे बड़ा नारा-परिवारवाद-का क्या होगा। अब वह कैसे कहेगी कि क्या राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को छोड़ कर कांग्रेस में और कोई योग्य नहीं है क्या। कुछ भक्त तो प्रियंका गांधी के बच्चों तक का नाम घसीट लेते थे कि इनके बाद वे कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे।
भाजपा मई, 2004 में सोनिया गांधी चाहतीं, तो भारत का प्रधानमंत्री बन सकती थीं। उनके पास बहुमत का आंकड़ा था। तब के राष्ट्रपति एपीजे कलाम ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि अगर सोनिया दावा करतीं, तो उन्हें पीएम बनाने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था। कलाम ने लिखा है कि राष्ट्रपति भवन में सोनिया गांधी के लिए पत्र भी तैयार था, लेकिन 18 मई को जब सोनिया गांधी मनमोहन सिंह के साथ पहुंचीं, तो उन्हें आश्चर्य हुआ। इससे पहले भाजपा ने विदेशी बहू का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। वे विदेशी मूल की महिला को देश का प्रधानमंत्री बनाने के खिलाफ माहौल बना चुके थे। हर जगह बहस छिड़ी थी। अजीब बात है कि अमेरिका में भारतीय मूल (वहां के लिए विदेशी मूल) के नेता के उपराष्ट्रपति बनने पर मिठाई बांटनेवाले अपने देश में अलग पैमाना रखते हैं। भाजपा की तब की बड़ी नेता सुषमा स्वराज ने कसम खाई थी कि सोनिया गांधी अगर पीएम बनेंगी, तो वे केश मुड़वा लेंगी। सोनिया ने पीएम पद ठुकरा कर एक मिसाल कायम कर दी, जिसकी आज के दौर में कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता।
अब राहुल गांधी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन कर भाजपा के नारे की हवा निकाल दी है। अब वह कह रही है कि गहलोत रिमोट कंट्रोल होंगे। इस आरोप में कोई दम नहीं है। लोग तुरत पूछ रहे हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या हैं?
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