काबुल ब्लास्ट में 90 की जान लेनेवाला कौन है IS-K
कल शाम काबुल में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 90 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले की जिम्मेवारी IS-K नाम के संगठन ने ली है। कौन है IS-K ?
काबुल ब्लास्ट में मरनेवालों की संख्या 90 पहुंच गई है। इसके पीछे ISIS-K या IS-K का नाम लिया जा रहा है। IS-K का मतलब है-इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस, जिसे इस्लामिक स्टेट का क्षेत्रिय ग्रुप माना जाता है। यह ग्रुप मुख्यतः अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय है।
बीबीसी ने इस ग्रुप के बारे में लिखा है कि यह आतंकी संगठनों में बहुत ही चरमपंथी और हिंसक ग्रुप है।
यह ग्रुप 2015 में तैयार हुआ। इस ग्रुप में मुख्यतः अफगानिस्तान के चरमपंथी शामिल हैं। इन्होंने तालिबान से अलग होकर अलग ग्रुप बनाया। माना जाता है कि इसमें पाकिस्तानी चरमपंथी भी शामिल हैं।
फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार IS-K तालिबान और अमेरिका दोनों को अपना दुश्मन मानता है। हमले में आम अफगानियों के अलावा तालिबान लड़ाके और 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि हम हमलावरों को ढूढ़ेंगे और सजा देंगे।
IS-K का प्रभाव पहले से अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में रहा है खासकर उत्तरी अफगनी प्रदेशों में-जैसे ननगरहर। दक्षिणी अफगानिस्तान में भी इसका कुछ प्रभाव रहा है, लेकिन यहां इसे अमेरिकी फौज और तालिबान से काफी नुकसान हुआ है।
IS-K को अतिचरमपंथी माना जाता है। इसका नाम कई हमलों में पहले भी आया है। यह लड़कियों के स्कूल, अस्पतालों को निशाना बनाता रहा है। बीबीसी ने इसके बारे में लिखा है कि एक अस्पताल में इस ग्रुप ने गर्भवती महिलाओं और नर्सों को भी मार दिया था।
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तालिबान का स्वार्थ सिर्फ अफगानिस्तान तक ही सीमित है, जबकि यह ग्रुप अंतरराष्ट्रीय आईएस नेटवर्क से जुड़ा है। IS-K का संबंध हक्कानी नेटवर्क से भी जुडे होने की खबरें हैं। एशिया पेसिफिक फाउंडेशन के डॉ. सज्जन गोहेल के अनुसार 2019 से 2021 के बीच हुए हमलों में दोनों ग्रुपों का हाथ रहा है।