पिछड़े मुसलमानों पर बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा की गोष्ठी

पिछड़े मुसलमानों पर बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा की गोष्ठी। बिहार का राजनीतिक परिदृश्य और पिछड़े मुसलमान विषय पर विचार गोष्ठी में जुटेंगे राज्य के प्रबुद्ध लोग।

बिहार का राजनैतिक परिदृश्य और पिछड़े मुसलमान” विषय पर ऑल इण्डिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने आगामी 02 मार्च 2024 , शनिवार, 12 बजे दिन, आईएमए हॉल, गांधी मैदान, पटना में एक दिवसीय ” विचार गोष्ठी” का आयोजन किया है।

मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन ने आज एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि 1990 से 2005 तक बिहार में राजद परिवार ने हुकूमत की। मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं हुआ। प्रदेश की हालत भी दयनीय स्थिति में थी। आठ_आठ महीने तक कर्मचारी हड़ताल पर रहते थे। उन्हें समय से वेतन भी नहीं मिलता था। 15 वर्षों में नयी सरकारी नौकरी नहीं दी। नतीजा 1990 में जो बच्चा नौकरी योग्य हुआ राजद की सरकार में उसकी उम्र सीमा समाप्त हो गई। “MY ” समीकरण का नारा दिया। घर-घर पैदल एवं साइकिल से दूध पहुंचाने वाले यादव भाई स्कार्पियो, और इनोवा पर चढ़ने लगे। उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो गई और प्रदेश से केन्द्र तक सत्ता से जुड़ गए। दूसरी तरफ राजद परिवार फला-फूला। यह सब 18% मुसलमानों के वोट से प्राप्त हुआ लेकिन मुसलमानों के हिस्से में क्या आया? उन्हें टास्क दिया गया कि वह भाजपा को हराते रहे और राजद एवं राजद जिससे गठबंधन कर ले एकजुट होकर अपना वोट देते रहें। जब जब मुसलमानों ने मसले रखे कहा गया जान भी बचाएं, हिफाजत भी करें और काम भी करें? हमेशा यही दावा किया गया कि लालू हैं तो मुसलमान सुरक्षित हैं।

2005 से बिहार में लालू सत्ता में नहीं हैं तो क्या बिहार के मुसलमान पाकिस्तान चले गए या बर्बाद कर दिए गए? नहीं, बिल्कुल नहीं बल्कि 2005 से बिहार में नीतीश कुमार सत्ता में हैं प्रदेश का विकास तो हो ही रहा है। साथ में मुस्लिम समेत सभी समुदायों के लिए भी काफी काम हुआ और हो रहा है। दूसरी तरफ बिहार के मुसलमान सुरक्षित भी हैं। बिहार में अमन-चैन कायम है और नीतीश कुमार ने लालू जी की तरह कभी दावा भी नहीं किया कि वह हैं तो बिहार के मुसलमान सुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा से मुसलमानों की दुश्मनी ने आज उन्हें कहा पहुंचा दिया है, चारों तरफ मुसलमान दहशतज़दा हैं। उन्हें मारा जा रहा है। उनके साथ जुल्म व सितम का इंतहा हो रहा है। पवित्र ग्रंथ कुरानशरीफ की बेहुरमती हो रही है, मुकदमा भी उन्हीं पर और मुसलमानों के घरों पर ही बुल्डोजर चल रहा है।

श्री अशरफ ने कहा कि मुसलमानों का वोट लेने वाली कौन कौन सी पार्टी और उसके कार्यकर्ता सामने आकर मुसलमानों को बचाने और उनके लिए संघर्ष करने के लिए सामने आ रहे हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में मुसलमानों के लिए नेमत है। वह 2005 से बिहार में मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने भाजपा के साथ राज किया। आज भी वह भाजपा के साथ हैं ,यह उनका कौशल ही है कि उनके नेतृत्व में कभी कोई सत्ता पक्ष होता है तो कभी विपक्षी हो जाता है मगर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार ही होते हैं।

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By Editor


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