कप्पन को चाहिए यूपी निवासी 2 जमानतदार, आगे आईं रूपरेखा वर्मा
केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जेल से रिहा होने के लिए यूपी निवासी दो जमानतदार चाहिए। किसी को आगे आता नहीं देख पूर्व वीसी रूपरेखा वर्मा बनीं जमानतदार।
केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के लिए एक शर्त है। रिहाई के लिए दो जमानतदार चाहिए। दोनों को यूपी का निवासी होना चाहिए। किसी को आगे आता न देख लखनऊ विवि की पूर्व वाइस चांसलर रूप रेखा वर्मा आगे आई हैं। 79 वर्ष की रूप रेखा वर्मा हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए सड़क पर अकेले उतरती रही हैं।
बीनू करुणाकरण ने ट्वीट करके जानकारी दी कि लखनऊ विवि की पूर्व वाइस चांसलर रूपरेखा वर्मा। 79 वर्ष की उम्र में केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के लिए जमानतदार बनने की पेशकश की है, ताकि कोर्ट की शर्त को पूरा किया जा सके। कप्पन यूएपीए की धारा में जेल में हैं। जमानत के लिए यूपी निवासी दो जमानतदार चाहिए, लेकिन योगी भूमि में कोई तैयार नहीं है। बीनू के ट्वीट को पत्रकार अभिसार शर्मा ने रिट्वीट किया है।
न्यूज वेबसाइट मध्यमम ने लिखा है कि सिद्दीक कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन कोई जमानतदार नहीं मिलने के कारण वे जेल में हैं। अब उनकी रिहाई के लिए पूर्व कुलपति 79 वर्षीया रूपरेखा वर्मा सामने आई हैं। कप्पन की रिहाई के लिए शर्त है कि जिनके पास एक लाख की अचल संपत्ति हो या बैंक खाते में एक लाख रूपया हो, ऐसे दो लोग जमानतदार हो सकते हैं। साथ ही उन्हें यूपी का मूल निवासी भी होना चाहिए। कप्पन के वकील मोहम्मद दानिश ने द क्विंट को बताया कि केस की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय दो जमानतदारों की शर्त है। हालांकि कप्पन को बेल मिल गई है, लेकिन जमानतदार बनने के लिए आगे आने में लोग हिचक रहे हैं। कप्पन को नौ दिन पहले ही बेल मिली है।
मालूम हो कि कप्पन लगभग दो साल से यूपी की जेल में हैं। उन्हें तब गिरफ्तार किया गया था, जब वे हाथरस में हुए दुष्कर्म की जांच करने घटनास्थल जा रहे थे। घटनास्थल पहुंचने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
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