बिहार का काराकाट चुनाव क्षेत्र हॉट सीट बन गया है। यहां एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा मैदान हैं, लेकिन भोजपुरी फिल्म कलाकार पवन सिंह के निर्दलीय नामांकन करने से लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा ने ही पवन सिंह को खड़ा किया है। वहीं पटना के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि पवन सिंह चुनावी मैदान से हट सकते हैं। भाजपा उन्हें मैदान से बाहर होने के लिए दबाव बना रही है। माना जा रहा है कि वे या तो नाम वापस ले लेंगे।
कई एनडीए नेताओं ने दावा किया कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अंतिम चरण में चुनाव प्रचार के लिए आएंगे, तब माहौल पूरी तरह बदल जाएगा। एनडीए के जनाधार में आज दिख रहा बिखराव समाप्त हो जाएगा। एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा ने पवन सिंह के नामांकन पर कहा कि लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है। अभी देखिए कौन-कौन नाम वापस लेते हैं।
इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजाराम सिंह हैं। वे ओबरा से दो बार विधायक रह चुके हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि पवन सिंह के चुनाव लड़ने से भाजपा समर्थकों में बिखराव आ गया है। सवर्ण जातियां भाजपा का मुख्य जनाधार रही हैं। वे पवन सिंह के साथ जा रहे हैं। ऐसे में मुकाबला पवन सिंह और राजाराम सिंह में है।
वहीं उपेंद्र कुशवाहा समर्थकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह भी उपेंद्र कुशवाहा के लिए आएंगे। कुशवाहा बिहार के प्रमुख भाजपा नेताओं के प्रचार में जा चुके हैं। चिराग पासवान के प्रचार में जा चुके हैं। ये नेता भी उपेंद्र कुशवाहा के लिए प्रचार करने आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी कभी नहीं चाहेंगे कि उनका सहयोगी कहीं से कमजोर हो। कुशवाहा भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द ही पवन सिंह को चुनाव मैदान से हटने के लिए कोई पहल होगी। पवन सिंह को राज्यसभा की सदस्यता का प्रस्ताव भी दिया जा सकता है। भाजपा नेताओं को भरोसा है कि नेतृत्व कोई न कोई उपाय करेगा और उपेंद्र कुशवाहा की जीत सुनिश्चित करेगा।