केंद्र की नाइंसाफी, यूपी के गरीब को 2Kg, बिहार के गरीब को 1Kg गेहूं

केंद्र की मोदी सरकार की नाइंसाफी देखिए। यूपी में भाजपा का शासन है, वहां गरीब को 2Kg गेहूं दिया जा रहा है। बिहार में महगठबंधन सरकार है, यहां 1Kg दिया जा रहा।

बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बिहार में राशनकार्डधारी गरीबों को प्रतिव्यक्ति मिलने वाली अनाज जो 2 किलोग्राम गेहूं के स्थान पर विगत जून माह से 1 किलोग्राम गेहूं एवं 4 किलोग्राम चावल दिया जा रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में 2 किलोग्राम गेहूं के साथ 3 किलोग्राम चावल की आपूर्ति की जा रही है। साफ है कि केन्द्र सरकार बिहार के साथ भेदभाव कर रही है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लोग गेहूँ खाना ही पसंद करते हैं परन्तु बिहार में गेहूँ में कटौती केन्द्र सरकार का बिहार के साथ सौतेले रवैये को दर्शाता है। केन्द्र सरकार जल्द ही पूर्व की भाँति बिहार को 2 किलोग्राम गेहूं के साथ 3 किलोग्राम चावल की आपूर्ति कराना सुनिश्चित करे। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अन्तर्गत वर्ष 2022 के मई माह से 5 किलोग्राम सिर्फ चावल ही दिया जा रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकर से मांग की कि सिर्फ 5 किलोग्राम चावल के स्थान पर 2 किलोग्राम गेहूं के साथ 3 किलोग्राम चावल की आपूर्ति कराए।

उन्होंने कहा कि लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर गेहूँ का उपयोग अत्यधिक बढ़ जाता है। छठ व्रतियों द्वारा गेहूं से बने पकवान को ही प्रसाद के रूप में उपयोग किया जाता हैं। अगर केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ की आपूर्ति नहीं कि जाती है तो यह बिहार के गरीबों के साथ भेदभावपूर्ण नीति मानी जायेगी और गरीबों की अनदेखी करने के किसी भी प्रयास को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहारवासी इसका प्रतिकार करेगी। इस अवसर पर बिहार विधान पार्षद संजय कुमार सिंह (गांधी) एवं प्रदेष महासचिव लोक प्रकाश सिंह मौजूद रहे।

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