केंद्र की योजना से जगजीवन राम का नाम मिटाने पर बिफरा JDU
जदयू दलित प्रकोष्ठ ने दिनभर किया उपवास। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाम से जारी योजना को समाप्त करने का विरोध।
जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को दिनभर उपवास करके केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाम से जारी योजना को समाप्त करने का विरोध किया। पार्टी ने कहा कि केंद्र के इस कदम से उसका दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। पार्टी ने इस मुद्दे को राज्यभर में खास कर दलित मुहल्लों में अभियान चला कर विरोध करने का फैसला लिया है।
'जगजीवन राम' नाम से संचालित केंद्र प्रायोजित छात्रावास योजना का मोदी सरकार द्वारा नाम परिवर्तित करना भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर करता है।
— Janata Dal (United) (@Jduonline) March 24, 2023
भाजपा बाबू जगजीवन राम जी का राजनीतिक अपमान कर रही है।#JDU #JanataDalUnited #Bihar #Patna pic.twitter.com/TkpIKBfuXk
उपवास में शामिल जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार ही नहीं, देश भर के सम्मानित नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीलन राम के नाम से जारी योजना को समाप्त कर दिया है। इस योजना का नाम था बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना था। भाजपा की सांसद रमा देवी सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की स्थायी समिति की अध्यक्ष थीं, ने 2 दिसंबर, 2021 को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना को लागू करने के मामले में बिहार की तारीफ की। लेकिन उसके बाद इय योजना के तहत बिहार को कोई राशि नहीं दी गई।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जगजीवन राम छात्रावास योजना, विशेष केंद्रीय सहायता और प्रधानमंत्री ग्राम योजना को मिला कर नया नाम दे दिया गया। नया नाम प्रधानमंत्री अजा अभ्युदय योजना रख दिया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल केंद्र की भाजपा सरकार की मंशा बिहार और देश के सम्मानित नेता बाबू जगजीवन राम का नाम मिटाना था।
उपवास कार्यक्रम के दौरान जदयू नेताओं ने बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना को फिर से शुरू करने की मांग की। साथ ही यह भी एलान किया कि भाजपा के दलित विरोधी चेहरे का प्रदेश भर में पर्दापाश किया जाएगा। पार्टी ने पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के छा6ों की छात्रवृत्ति बंद करने का भी विरोध किया।
उपवास और विरोध कार्यक्रम में रवीन्द्र प्रसाद सिंह, नीरज कुमार,संतोष कुमार निराला, अरूण कुमार मांझी, ललन पासवान, प्रभुनाथ राय, किरण रंजन, मो0 आसिफ कमाल, रणविजय कुमार, डाॅ0 रामप्रवेश पासवान, श्वेता विश्वास, सविता नटराजन, रविन्द्र पटेल, मालती सिंह, कंचनमाला चौधरी, हेमराज राम, सोनम दास, रीना चैधरी, मुन्ना चौधरी, हुलेश मांझी, दीनानाथ क्रांति, शिवशंकर निषाद, राम कुमार राम, दीपक रजक, एन0के नवेन्द्रु, जार्ज मांझी, महेश पासवान, रवीन्द्र पासवान, पप्पु निषाद, पल्ल्वी पटेल, विक्की निषाद, पवनदेव चंद्रवंशी शामिल थे।
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