खेल में भी प्रेशर पॉलिटिक्स : BJP में नहीं गए, गांगुली को out किया
चुनाव में हार के बावजूद विधायकों को तोड़ कर सरकार बनाने वाली भाजपा पर नए आरोप सगे हैं। जय शाह तो BCCI में जमे रहेंगे, पर गांगुली को आउट करार दे दिया गया।
कुमार अनिल
देश में अजीब-अजीब बातें हो रही हैं। जिनका क्रिकेट से कभी वास्ता नहीं रहा, वे जय शाह बीसीसीआई में जमे रहेंगे, लेकिन उस महान खिलाड़ी सौरभ गांगुली को, जिन्होंने क्रिकेट में जान लड़ा कर में जीतना सिखाया, उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी से बाहर कर दिया गया है। सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों की बातचीत में माना जा रहा है कि सौरभ गांगुली ने भाजपा में शामिल होने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर दुबारा नहीं चुना गया।
गांगुली को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। पत्रकार आशुतोष ने तंज कसा-BCCI में सौरभ के लिये जगह नहीं है जिन्होंने भारत को टेस्ट में जीतना सिखाया और जय शाह के लिये जगह है। जिन्होंने कितनी क्रिकेट खेली है पता नहीं है। हो सकता ही जय ने टेस्ट क्रिकेट खेली हो, और मुझे ही पता न हो।
टीएमसी सांसद डेरिक ओ ब्रायन ने तंज कसा कि मेरा नाम जय शाह है। मेरे पापा देश के गृह मंत्री है। इसलिए मैं दुबारा बीसीसीआई का सचिव बनूंगा। मेरा नाम अरुण सिंह धूमल है। मैं आईपीएल का नया चेयरमैन हूं। मेरे भैया अनुराग ठाकुर देश के केल मंत्री हैं। हम सब भाजपा के परिवारवाद मुक्त भारत के उदाहरण हैं। सोशल मीडिया में उस खबर की भी खूब चर्चा है, जिसमें गांगुली हाल में कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद कार्यक्रम में टीएमसी नेताओं के साथ मंच पर बैठे थे।
सोशल मीडिया पर हंगामे के बीच सौरभ गांगुली ने शालीनता से चुप्पी तोड़ी और कहा कि कोई एक ही पद पर आजीवन तो नहीं रह सकता।
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