खुर्शीद अहमद को इंडियन ग्लोरी सोशल वर्कर ऑफ द ईयर अवार्ड
पटना, 13 सितम्बर 2021: एडवांटेज गु्रप के सीईओ और संस्थापक तथा एडवांटेज सपोर्ट के सचिव खुर्शीद अहमद को प्रतिष्ठित सोशल वर्कर ऑफ द ईयर अवार्ड से पिछले शनिवार नवाजा गया है। उन्हें यह पुरस्कार इंडियन ग्लोरी अवाडर््स के द्वारा दिया गया है।
शनिवार को खुर्शीद अहमद को यह अवार्ड देने की घोषणा की गई। सम्मान समारोह दिल्ली में आयोजित किया गया था। कोविड प्रोटोकॉल की वजह से कार्यक्रम वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। खुर्शीद अहमद को यह अवार्ड कोविड काल में किए गए सामाजिक कार्यों के लिए दिया गया है। अवार्ड के लिए 600 लोगों ने नॉमिनेशन फाइल किए थे। लेकिन अंततः अवार्ड खुर्शीद अहमद की झोली में आया।
अन्य कैटेगरी में दूसरे लोगों को अवार्ड दिया गया। जैसे- डायनमिक प्रोफेसर ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. अर्जुन शुक्ला, टीचिंग एक्सीलेंट अवार्ड गुरजीत कौर भाटिया, बेस्ट रिसर्चर ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. गौतम बनर्जी, आउट स्टैंडिंग लीडरशिप प्रींसिपल अवार्ड प्रो. भपेंद्र कुमार पटेल, बेस्ट पारा एथलीट ऑफ द ईयर अवार्ड ठाकुर जगदीश भाई वाशरामजी, बेस्ट सीईओ ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. एस. जॉन राबर्ट, बेस्ट योगा टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. काजल पराग पटानी, चीफ डायटीशियन ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. टी. सुजाथा वेंकादेश और वीमेन इंटरप्रिन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड डॉ. कंचन नेगी को मिला।
अवार्ड मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्री अहमद ने कहा कि काफी अच्छा लग रहा है। मैं और मेरी टीम ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान काफी काम किए और काफी लोगों की जान बचाई। हालांकि उद्देश्य सिर्फ लोगों की सेवा करना था। लेकिन इसको देश स्तर पर पहचान मिली और एडवांटेज केयर के कार्यों को इंडियन ग्लोरी अवार्ड्स ने पहचाना तथा उसे सम्मान प्रदान किया। आगे भी हमलोग इस तरह के सामाजिक कार्य करते रहेंगे। मैं इस अचीवमेंट के लिए अपनी टीम के शुक्रगुजार हूं। उन्होंने रात-दिन मेहनत की। एडवांटेज केयर एडवांटेज सपोर्ट का प्रोजेक्ट है जो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान शुरू की गई थी। मुझे इसमें जानेमाने सर्जन डॉ. एए हई का काफी सहयोग मिला। पांच मिनट पहले पहुंचा था ऑक्सीजन सिलेंडर 26 लोगों की जान बची.
गौरतलब है कि खुर्शीद अहमद की पहल से कोविड की दूसरी लहर के दौरान 26 लोगों की जान बच गई थी। उन्होंने एक घटना बताते हुए कहा कि एशियन हॉस्पिटल (पटना) के जीएम राजीव रंजन ने अचानक उन्हें देर रात फोन किया। कहा, ‘मरीजों की जान बचा लिजिए, सुबह सात बजे तक का ही ऑक्सीजन बचा है। यदि समय पर ऑक्सीजन नहीं मिला तो कोविड मरीज तड़प कर मर जाएंगे।
किसी तरह ऑक्सीजन का इंतजाम कर दीजिए या पारस अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था करवा दीजिए।‘ मैंने रातों रात स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और पटना की डीडीसी ऋचि पांडेय की मदद से मुजफ्फरपुर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवायाा। ऑक्सीजन समाप्त होने के सिर्फ पांच मिनट पहले नया सिलेंडर लगा और इस तरह सात मरीजों की जान बच गई। इसी तरह दरभंगा स्थित पारस ग्लोबल अस्पताल से रात 10 बजे फोन आया कि यहां ऑक्सीजन खत्म हो रहा है। जल्द कुछ व्यवस्था करवा दीजिए नहीं तो कोरोना के भर्ती मरीज मर जाएंगे। हमने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, दरभंगा के डीएम, दरभंगा के डीडीसी, पारस एचएमआरआई(पटना) के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. तलत हलीम और पारस ग्लोबल के यूनिट हेड मनोज कुमार के बीच फोन पर ही संयोजन कर अस्पताल को समय पर 40 ऑक्सीजन का सिलेंडर मुहैया कराया और इस तरह वहां भी भर्ती 26 मरीजों की जान बच गई।
खुर्शीद अहमद ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एंबुलेंस के लिए मरीजों के परिजन से 30 से 35 हजार रुपए तक वसूले जा रह थे। इन सब को देखते हुए हमने एडवांटेज केयर के अंतर्गत लोगों की सहायता पहुंचाने का कार्य शुरू किया। इन कार्यों के लिए मिला अवार्ड- 1. मुफ्त अस्पताल की शुरुआतः हई फाउंडेशन, ब्राइट इंडिया फाउंडेशन के ट्रस्टी इंजीनियर मंजूर आलम और 41 क्लब ऑफ इंडिया के नेशनल एंबेसडर पदमाशीष के साथ मिलकर एडवांटेज केयर ने अररिया में मुफ्त 30 बेड का अस्पताल शुरू किया है।