खुशकिस्मत हो, हम सिर्फ पीट रहे, सिर कलम नहीं किया
अफगानिस्तान में महिलाओं के प्रदर्शन का फोटो खींचने पर दो पत्रकारों को तालिबान ने पकड़ लिया। बुरी तरह पीटा। कहा, किस्मतवाले हो, तुम्हारा सिर कलम नहीं कर रहे।
कुमार अनिल
हर निरंकुश सरकार पत्रकारों से डरती है। उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर वर्षों जेल में रखती है। देशद्रोह तक का मुकदमा लाद देती है।
कल तालिबान लड़ाकों ने दो पत्रकारों नेमतुल्लाह नकदी और और तकी दरयाबी को पकड़ लिया। दोनों काबुल के इत्तिलात रोज (सूचना दौनिक) के पत्रकार हैं। दोनों अखबार की तरफ से दिए गए असाइनमेंट के अनुसार तालिबान के खिलाफ काबुल में हो रहे प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे थे। तालिबान लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया और एक पुलिस कैंप में ले गए। फिर वहां उन्हें बुरी तरह पीटा और अपमानित किया।
न्यूज एजेंसी एएफपी और याहू न्यूज के अनुसार दोनों पत्रकारों को जब तालिबान ने छोड़ दिया, तो उन्होंने पूरा वाकया बयां किया। नेमतुल्लाह नकदी ने कहा कि एक तालिबान ने उसे फर्श पर गिरा दिया और सिर पर बूटों से हमला किया। चेहरे पर हमला किया। मैं सोच रहा था कि अब वे हमारी हत्या कर देंगे।
एएफपी के पत्रकार इमेनुअल डुपराक को नकदी ने बताया कि जब वह फोटो ले रहा था, तभी तालिबान ने उन्हें घेर लिया और कहा कि तुम फोटो नहीं खींच सकते। उसने मेरा मोबाइल छीन लिया। वह कैमरा छीनना चाहता था, लेकिन मैंने भीड़ में किसी को थमा दिया। तीन तालिबान लड़ाके थे। उन्होंने हमें पकड़ लिया और पुलिस कैंप ले आए तथा पीटना शुरू कर दिया।
एएफपी के अनुसार उसने मामले में तालिबान का पक्ष जानना चाहा, पर कोई उत्तर नहीं मिला।
रामबिलास पासवान और रघुवंश बाबू की प्रतिमा लगे : तेजस्वी
नकदी ने एएफपी को बताया कि एक बार उसने तालिबान से पूछा कि आखिर वे हमें इस तरह क्यों पीट रहे हैं, तो जवाब में तालिबान ने कहा कि तुम किस्मतवाले हो, हम तुम्हारा सिर कलम नहीं कर रहे, सिर्फ पीट रहे हैं।
मुखिया चुनाव नामांकन में हुई परेशानी, कर ली फौरन शादी