किसानों ने बनाया दुनिया का अनूठा किसान शहीद स्मारक
राजस्थान-हरियाणा सीमा शाहजहांपुर में किसानों ने बनाया दुनिया का अनूठा शहीद किसान स्मारक बनाया है। इसमें 23 राज्यों की खास मिट्टी है।
आज किसानों ने शाहजहांपुर बॉर्डर पर दुनिया का अनूठा किसान स्मारक तैयार किया। इसकी परिकल्पना और निर्णाण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद के लालौन जी ने दिन-रात मेहनत करके किया। इस स्मारक में देश के 23 राज्यों की मिट्टी रखी गई है।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने एक वीडियो जारी करके इस स्मारक की जानकारी दी। पर्यावरण और गरीब किसानों के लिए संघर्ष करनेवाली मेधा पाटकर ने बताया कि इसे 23 राज्यों की मिट्टी से तैयार किया गया है। इसमें भगत सिंह के गांव की मिट्टी है, जालियांवाला बाग की मिट्टी है, साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद हुए सेनानियों के गांवों की मिट्टी है।
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किसान नेताओं ने कहा कि यह स्मारक कॉरपोरेट और पूंजी से खेती को बचाने की याद दिलाता रहेगा। मालूम हो कि अब तक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष में लगभग 300 किसान अपनी जान दे चुके हैं। हालांकि देश की संसद ने अबतक इनके लिए एक मिनट का मौन भी नहीं रखा, लेकिन किसान आंदोलनकारी अपने शहीदों को अमर बनाने के लिए तत्पर हैं। इसी उद्देश्य से यह स्मारक बनाया गया है।
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स्मारक की पहली खासियत तो यह है कि इसमें देश के विभिन्न प्रांतों की मिट्टी शामिल है, जो देश के किसानों की एकता और संघर्ष को याद दिलाती रहेगी। वहीं इसकी डिजाइन भी अद्भुत है। मिट्टी के ऊपर घट टांग दिए गए हैं। बिहार में हिंदू किसी के देहावसान पर पीपल पर घट टांगते हैं। यह ठीक उस तरह से टंगे नहीं हैं, बल्कि लकड़ी के डंडे के सहारे खडे हैं। फिर भी स्मारक में टंगे घट पहली नजर में शोक को अभिव्यक्त करते हैं। लेकिन सिर्फ शोक नहीं। यहां अनेक राज्यों की मिट्टी भी संदेश देती है कि मिट्टी बचाओ, देश बचाओ।
जबसे यह स्मारक बना है, इसे देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। यहां पहुंचते ही किसान संघर्ष और बलिदान की याद आती है। स्मारक आगे संघर्ष करने की प्रेरणा भी देता है।