क्रोध में अदालत, कहा, सशरीर हाजिर हों CS, DGP, विभागों के सचिव
बिहार के नौकरशाहों से पटना हाईकोर्ट आजिज आया। कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर पहली बार CS, DGP व 12 विभागों के सचिव को कहा, 17 को सशरीर हाजिर हों।
पटना होईकोर्ट ने पहली बार बिहार के सीएस, डीजीपी सहित 12 विभागों के सबसे प्रमुख अफसरों को कोर्ट में सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया है। इन सभी अधिकारियों को कोर्ट ने 17 नवंबर को हाजिर होने का आदेश दिया है।
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस एसानुद्दीन अमानुल्लाह तथा सुनील दत्त मिश्रा की बेंच ने कटेंप्ट ऑफ कोर्ट (अदालत की अवमानना) के 150 से ज्यादा मामलों की सुनवाई करते हुए यह सख्त आदेश दिया। अदालत की अवमानना के ये मामले 2015 और उसके बाद के वर्षों के हैं। ये सभी मामले हाईकोर्ट के आदेश और फैसले को बिहार सरकार के नौकरशाहों द्वारा नहीं मानने के हैं। हाईकोर्ट आदेश देता है, पर राज्य के बड़े अधिकारी इसे मानते नहीं।
पटना हाईकोर्ट के आदेश को न मानने के मामले अधिकतर किसी को आर्थिक तौर लाभ, प्रोन्नति, अवैध कब्जे से संबंधित हैं। इनमें बड़ी संख्या में राज्य सरकार के कर्मी हैं, जिन्हें आर्थिक तौर पर पर न्याय नहीं मिलने के मामले हैं, जिस पर कोर्ट ने सरकार को संबंधित कर्मी को राशि देने का आदेश दिया था। नियम के विरुद्ध ज्यादा टैक्स लिये जाने, अनुशासनात्मक कार्रवाई वापस लेने के संबंध में भी शिकायत पर हाईकोर्ट ने फैसले दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार के नौकरशाहों ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। कई मामले कांट्रेक्टरों के भी हैं, जिसमें काम करा लिये जाने के बाद भी सरकारी विभागों ने पेमेंट नहीं किया। ऐसे मामलों पर भी कोर्ट के आदेश को विभाग के अधिकारियों ने अनुपालन नहीं किया।
पटना हाईकोर्ट इस बात से नाराज है कि जब विभिन्न मामलोंं में स्पेसफिक आदेश दिए गए, तब भी आदेश नहीं माने गए। वर्षों बीत जाने के बाद भी आदेश नहीं माने गए। वर्षों से अदालत की हो रही अवमानना से स्वाभाविक तौर पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए एक साथ इतने अधिकारियों को सशरीर अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।
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