लखीमपुर, बनारस, लखनऊ के बाद राष्ट्रपति भवन पहुंची कांग्रेस
कांग्रेस अड़ गई है। उसने गृह राज्य मंत्री की बरखास्तगी को मुख्य मुद्दा बना दिया है। पहले लखीमपुर, फिर बनारस, फिर लखनऊ और अब राष्ट्रपति भवन पहुंची कांग्रेस।
भाजपा नेतृत्व के साथ ही अनेक लोगों को भरोसा नहीं था कि लखीमपुर में किसानों का नरसंहार इतना बड़ा मुद्दा बनेगा। जिस तरह आनन-फानन में योगी सरकार ने शहीद किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की, उसे उम्मीद थी कि मामला शांत पड़ जाएगा।
आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का दल राष्ट्रपति से मिला। बाद में सैकडों की संख्या में जमा मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा उन्होंने राष्ट्रपति से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी को बरखास्त करने की मांग की है। कांग्रेस ने लखीमपुर नरसंहार की जांच दो सीटिंग जजों से कराने की मांग की। यह भी नई मांग है। दो जज रहेंगे, तो न्याय की उम्मीद ज्यादा होगी, शायद इसीलिए कांग्रेस ने ऐसी मांग की है।
राजनीति में किसी मुद्दे पर अड़ना, मुद्दो को अंजाम तक पहुंचाना कठिन तो होता है, पर इससे ही विपक्ष की साख बनती है। राफेल मामले को भी कांग्रेस ने काफी समय तक उठाया। संसद से सड़क तक। लेकिन वह मुद्दा अंजाम तक नहीं पहुंच पाया। इस बार लखीमपुर में नरसंहार भिन्न तरह का मुद्दा है। इस मुद्दे की कासियत यह है कि उसकी लड़ाई के साथ ही किसान मोर्चा भी इस मांग पर अड़ा हुआ है और इसीलिए राफेल की तुलना में इस बार सरकार ज्यादा फंसी हुई दिख रही है।
कांग्रेस जानती है कि मंत्री की बरखास्तगी तभी होगी, जब यह बड़ा राजनीतिक सवाल बन जाए और इससे प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिष्ठा तार-तार होने लगे। इसीलिए वह कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती। देखिए, कांग्रेस का अगला कदम क्या होता है?
भाजपा ने फिर रचा इतिहास, प्रत्याशी को मिला सिर्फ 1 वोट