ललन सिंह ने क्यों कहा सुशील मोदी छपास रोग से पीड़ित
अति पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सुशील मोदी की व्याख्या पर जदयू और राजद ने कहा, गुमराह कर रहे मोदी। देखिए फैसले की कॉपी।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा-सुशील जी, आप छपास रोग से बुरी तरह ग्रसित हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश भी नहीं पढ़ते हैं। आदेश का कंडिका 4 पढ़ लें। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अति पिछड़े वर्ग के आयोग के गठन पर रोक नहीं लगाई है बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के समर्पित आयोग के गठन पर रोक लगाई है।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा-भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी एवं भाजपा के अन्य नेताओं पर मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत और झूठी व्याख्या कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनिल कुमार द्वारा पटना हाईकोर्ट के फैसले ( सीआर नं. 240/2022 दिनांक 19 अक्टूबर 2022) के खिलाफ दायर अपील पर आदेश देते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के डेडिकेटेड आयोग के गठन पर रोक लगाया है न कि अति पिछड़ा वर्ग के आयोग के गठन पर। पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी एवं अन्य भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत एवं झूठी व्याख्या कर लोगों को गुमराह किया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा है कि प्रोपगंडा, झूठ और दुष्प्रचार के बुनियाद पर खड़ी भाजपा नेता बार – बार अपने चारित्रिक पतन की सीमा लांघते रहे हैं। यदि उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

इससे पहले भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि राजनैतिक पिछड़ेपन की पहचान हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट हेतु एक Dedicated Independent Commission बना बनाया जाना था, लेकिन नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा आयोग को ही Dedicated Commission अधिसूचित कर दिया। इन्हीं सब कारणों से न्यायाधीश सूर्यकांत और जे.जे. महेश्वरी की खंडपीठ ने ईबीसी कमीशन को Dedicated Commission के रूप में अधिसूचित करने पर 28 नवंबर को रोक लगा दी।
NDTV छोड़ने से पहले ही यूट्यूब छाए रवीश, सवा दो लाख व्यू