लालू के सिर्फ एक बयान से क्यों मची सियासी हलचल

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के एक बयान से राजनीतिक गलियारे में उथल-पुथल मच गई है। उन्नेहों कहा-नीतीश कुमार हमारे दिल में रहते हैं।

फाइल फोटो

लालू प्रसाद का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है। देश में पेगासस जासूसी, महंगाई, किसान आंदोलन और लोकतंत्र बचाने का सवाल गूंज रहा है। विपक्ष की एकता दिख रही है। ऐसे में लालू प्रसाद चुप कैसे रह सकते हैं। वे लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा को घेरने के अभियान में जुट गए हैं। कल उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिससे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वे हमारे दिल में रहते हैं। लालू प्रसाद का यह बयान उस समय आया है, जब जातीय जनगणना के सवाल पर नीतीश ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मांग का समर्थन किया। तेजस्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर नीतीश के नेतृत्व में बिहार के सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिले। इस प्रस्ताव को भी नीतीश ने खारिज नहीं किया, बल्कि कहा कि वे प्रधानमंत्री से बात करेंगे।

नीतीश कुमार ने पेगासस मामले में भी जांच की मांग की है। उन्होंने यूपी की तरह बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से इनकार कर दिया।

इस परिस्थिति में लालू प्रसाद का यह कहना कि नीतीश उनके दिल में रहते हैं, का विशेष अर्थ हो जाता है। इसी के साथ राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा होने लगी है कि किया नीतीश कुमार एनडीए से अलग होंगे? कुछ लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार के ये बयान भाजपा को बैकफुट पर डालने के लिए दिया गया है। जो भी हो, लालू के बयान के बाद सबकी नजर अगले घटनाक्रम पर है।

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लालू प्रसाद ने चिराग पासवान के बारे में भी कहा कि चिराग नेता बन चुके हैं। वे चाहते हैं कि तेजस्वी और चिराग साथ आएं। अभी तक लालू के इस बयान पर चिराग ने कुछ नहीं कहा है। यहां यह ध्यान देनेवाली बात है कि चिराग ने तेजस्वी के विरुद्ध अबतक अपनी आशीर्वाद यात्रा में एक शब्द भी नहीं कहा है, जबकि भाजपा नेता सुबह से शाम तक राजद प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी के खिलाफ कुछ-न-कुछ आरोप लगाते ही हैं। लालू के बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। देखिए, आगे होता है क्या।

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