बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के एक पत्र से भाजपा बौखला गई है। दरअसल जाति गणना के ऐलान के बाद ये पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया है, जिसमें पांच मांगें की गई है। इन मांगों के कारण ही भाजपा नेता बौखला गए हैं।

तेजस्वी यादव ने कल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पांच नई मांगें रख दी हैं। ये मांगें हैं- जाति गणना की घोषणा के बाद निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण का प्रवाधान हो। सरकार के सभी ठेकों में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। देश की न्यायपालिका में भी आरक्षण लागू हो तथा मंडल आयोग की सिफारिशों को पूर्णतः लागू किया जाए। याद रहे कांग्रेस ने भी निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने की मांग की है।

तेजस्वी यादव के इस पत्र के संबंध में जब भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन से पूछा तो गया, तो वे इन मांगों पर बोलने के बजाय कहने लगे कि राजद और तेजस्वी यादव को जाति गणना पर बोलने का हक नहीं है। भाजपा के कई नेता यही बात दुहरा रहे हैं कि कांग्रेस तथा यूपीए ने जाति गणना का फैसला नहीं किया। जबकि लोगों का कहना है कि जाति गणना तो ठीक है, लेकिन निजी क्षेत्रों में आरक्षण भी दे दीजिए।

इधर राजद ने यह भी कहा कि बिहार में जाति गणना हो चुकी है। उसके परिणाम के आधार पर ही बिहार में पिछड़ों, दलितों का आरक्षण बढ़ा कर 65 प्रतिशत किया गया, जो कोर्ट में फंस गया है। अगर केंद्र सरकार पिछड़ों की हितैषी है, तो इसे संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल कर दे।

भाजपा की कोशिश थी कि जाति गणना का पूरा श्रेय वह ले ले, लेकिन तेजस्वी यादव ने नई मांग करके भाजपा को उलझा दिया है।

 

By Editor