मां ब्लड ने 10 महीने में ढाई हजार मरीजों की जान बचाने में की मदद
पटना का मां ब्लड सेंटर ऐसा चैरिटबल सेंटर है, जिसने 10 महीने में ढाई हजार मरीजों की जान बचाने में मदद की। 71 लोगों ने ब्लड डोनेट करके मनाया जन्मदिन।
कुमार अनिल
मां वैष्णो देवी सेवा संस्थान के सदस्यों के अथक प्रयास से फरवरी, 2022 में गैर व्यावसायिक ब्लड सेंटर स्थापित हुआ। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 फरवरी, 2022 को किया था। यहां मरीजों को सरकारी रेट पर ब्लड दिया जाता है। अर्थात केवल 500 रुपए में। 400 रुपए में प्लाज्मा दिया जाता है। इस चैरिटबल संस्था के लिए गर्व की बात है कि यहां से ब्लड ले जाने वालों में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही अस्पतालों के मरीज के अटेंडेंट होते हैं। गैर सरकारी ब्लड सेंटर सरकारी अस्पतालों के मरीजों की भी मदद कर रहा है।
मां ब्लड सेंटर की स्थापना में प्रमुख भूमिका अदा करनेवाले मुकेश हिसारिया ने वर्ष 2022 के अंतिम दिन बताया कि स्थापना के 10 महीनों या 308 दिनों में मां ब्लड सेंटर ने 2413 मरीजों को ब्लड देकर उनके सेहतमंद होने में मदद दी। इस दौरान परोपकार की भावना से प्रेरित हो कर लोगों ने 2948 यूनिट ब्लड डोनेट किया। इस दौरान 3674 यूनिट ब्लड दिया गया।
समाजसेवी मुकेश हिसारिया ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि 10 महीनों में ऐसे 71 लोग सामने आए, जिन्होंने ब्लड डोनेट करके अपना जन्म दिन या शादी की सालगिरह मनाई। पटना के लिए यह एक नई परंपरा है। अपने जन्मदिन पर किसी दूसरे की जान बचाने की भावना से ब्लड डोनेट करने की जितनी तारीफ की जाए, कम है। हिसारिया ने बताया कि ब्लड डोनेशन के दौरान 80 ऐसे लोगों की पहचान हुई, जो हेप बी, हेप सी, एचआईवी, मलेरिया आदि रोगों से ग्रस्त थे।
वेदांता ग्रुप के चैयरमैन पहुंचे मां ब्लड सेंटर
मां ब्लड सेंटर के परोपकार से प्रभावित होकर वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल भी देखने पहुंचे। उन्होंने केंद्र की सराहना करते हुए कहा-मैं आज मां ब्लड सेंटर नही आता तो धोखा रह जाता ! मानवता की सेवा की ऐसी मिसाल मैने दुनियां में कन्ही नही देखी है ! जिन लोगों ने इस सेंटर में अपना तन मन धन दिया है और दे रहे है वो ईश्वर के आशिर्वाद के पात्र है! आपलोगों ने अलख जगाई है आप ईश्वर के दूत है! नमन है आप सभी को।
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