महागठबंधन की पटना में रविवार को तीसरी बैठक हुई। पूर्व उप मुख्यमंत्री और महागठबंधन के अध्यक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक ने बिहार को बड़ा संदेश दे दिया है। पूरे प्रदेश में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच बेहतर तालमेल और एनडीए के खिलाफ मजबूती से संघर्ष के लिए कई विभाग बनाने का फैसला लिया गया है। महागठबंधन में शामिल सभी दलों का जिला स्तरीय सम्मेलन भी होगा, ताकि आपसी समन्वय और एकता मजबूत हो सके। इसके साथ ही 20 मई को वाम दलों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का महागठबंधन ने समर्थन किया। कहा गया कि उस दिन गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता सड़क पर उतरेंगे।

पटना में आज हुई बैठक में महागठबंधन के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के अलावा राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, आलोक मेहता, कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, प्रदेश सचिव कुणाल, वीआईपी के मुकेश सहनी तथा सीपीआई और सीपीएम के राज्य स्तरीय नेता शामिल थे। बैठक में गठबंधन में शामिल दलों के सभी जिला अध्यक्ष भी मौजूद थे।

बैठक में नेताओं ने भाजपा पर जमकर हमला किया। कहा कि जाति गणना की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। सभी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि निजी क्षेत्रों में आरक्षण तथा आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को समाप्त करने पर दबाव बनाया जाएगा। कहा कि हिम्मत है तो सरकार निजी क्षेत्र में आरक्षण की घोषणा करे।

तेजस्वी यादव ने कहा कि जदयू और भाजपा पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी है। पूछा कि जदयू का राज्यसभा में नेता कौन है, लोकसभा में नेता कौन है, जदयू की तरफ से केंद्रीय मंत्री कौन है, पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष कौन है। कहा कि इनमें एक भी अतिपिछड़ा नहीं है। अब बिहार के लोग जान गए हैं और इस बार एनडीए को सबक सिखाने को तौयार हैं।

By Editor