राजद का सदस्यता अभियान अंतिम चरण में है। इसके बाद सांगठनिक चुनाव शुरू होंगे। अगले महीने प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। राजद के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल तीन नामों की चर्चा है- शिवचंद्र राम, आलोक मेहता और मंगनी लाल मंडल। इन तीन नामों में सबसे आगे मंगनी लाल मंडल का नाम चल रहा है।

शिवचंद्र राम, आलोक मेहता तथा मंगनी लाल मंडल तीनों ही राजद की सामाजिक न्याय धारा के प्रमुख नेता रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। इसलिए शिवचंद्र राम को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना कम हो गई है। आलोक मेहता भी राजद के पुराने नेता हैं, लेकिन ध्यान रहे लोकसभा में पार्टी के नेता अभय कुशवाहा हैं। इसलिए इसी समाज से प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए जाएं, इसकी संभावना थोड़ी कम हो जाती है। वहीं पार्टी के प्रमुख पदों पर कोई अतिपिछड़ा समाज का नेता नहीं है, जबकि 2025 चुनाव की दृष्टि से इस समाज का महत्व बढ़ गया है।

तेजस्वी यादव पार्टी की माय समीकरण वाली छवि को तोड़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। हाल में अति पिछड़ा सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस बार इस समाज को दोगुना प्रत्याशी बनाएंगे।

पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने जदयू पर हमला करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष कौन है, लोकसभा में नेता कौन है, केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री कौन है, जाहिर है इनमें कोई अतिपिछड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों का वोट लिया, पर महत्वपूर्ण पदों पर कभी जिम्मेदारी नहीं दी। तेजस्वी यादव की इस बात से भी माना जा रहा है कि कोई अतिपिछड़ा समाज का नेती ही प्रदेश अध्यक्ष होगा।

मंगनी लाल मंडल कर्पूरी ठाकुर के करीबी रहे हैं। वे अतिपिछड़ा समाज से आते हैं और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना कर तेजस्वी इस 36 प्रतिशत आबादी को बड़ा संदेश दे सकते हैं।

 

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